इंदौर : केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कुशाभाऊ ठाकरे जन्म शताब्दी आयोजन समिति द्वारा आयोजित वैचारिक प्रबोधन कार्यक्रम में “ सक्षम वैभवशाली भारत निर्माण में नई शिक्षा नीति“ विषय पर अपने विचार रखे। उन्होंने वैचारिक प्रबोधन को संबोधित करते हुए कहा कि जिन श्रद्धेय कुशाभाऊ ठाकरे के जन्म शताब्दी वर्ष के अंतर्गत इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है उन्होंने अपने खून पसीने से गांव-गांव तक जाकर भाजपा संगठन को खड़ा किया। प्रधान ने कहा कि कुशाभाऊ ठाकरे ने संगठन को सुशासन एवं लोक कल्याण के लिए समर्पित किया। वह मानव शिल्पी थे। उन्होंने कहा था कि हम शासन नहीं सेवा करते हैं इसलिए यदि हम देश एवं संगठन के उत्थान के लिए कार्य करें। यही कुशाभाऊ ठाकरे को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
गौरवमयी रही है हमारी परंपरा।
शिक्षा नीति पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री प्रधान ने कहा कि यदि हम भारतीय और वैज्ञानिक दृष्टि दोनों से देखें तो पता चलता है कि भारतीय संस्कृति कई हजार वर्षों पुरानी है। अगर कर नीति की बात हो तो टोडरमलजी का नाम याद आता है या भवन निर्माण की बात करें तो जब हमारे देश में आईआईटी, आईआईएम नहीं थे तब भी कई बड़ी-बड़ी इमारतों का निर्माण हजारों वर्ष पूर्व हमारे देश में हो चुका था लेकिन 300 -350 वर्ष पुराने देश और सभ्यता आज सबसे धनी और विकसित देशों की संख्या में आते हैं क्योंकि हमारी युवा पीढ़ी हमारे गौरवशाली इतिहास से अभी भी अवगत नहीं है। इसलिए जो सभ्यता सुशिक्षित, सुसंस्कृत होगी वह इतनी बड़ी गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ा पाएगी इसलिए शिक्षा नीति में कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं।
भारतीय भाषाओं को दिया गया है महत्व।
केंद्रीय मंत्री प्रधान ने कहा कि हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं को महत्व दिया गया है। जिस भाषा को बच्चा सुनकर व समझकर बड़ा होता है उसी भाषा में वह आगे की पढ़ाई आसानी से कर सके इसलिए उन भाषाओं को शिक्षा नीति में जोड़ा गया है। वे सभी हमारी राष्ट्रभाषा हैं। चाहे हिंदी हो तमिल, तेलुगू, कन्नड़, गुजराती या अन्य। इसी के साथ हमारी शिक्षा नीति में भारतीयता लाने का प्रयास किया जा रहा है। गुलामी वाली सोच को बदलते हुए छात्रों को जॉब सीकर ना बनाकर जॉब क्रिएटर बनाना इसका उद्देश्य है। इसके अलावा पढ़ाई के साथ-साथ छात्रों को कौशल विकास की ट्रेनिंग देना, जिससे पढ़ाई पूरी करने के बाद उसका ज्यादा समय व्यर्थ ना हो और वह अपने भविष्य और देश के के लिए काम कर सके। इसके साथ ही अब छात्र दो डिग्री की पढ़ाई एक साथ भी कर सकते हैं। मुझे आशा है इन सभी मुख्य परिवर्तनों के कारण नई शिक्षा नीति से छात्र देश के साथ दुनिया को बदलने की ताकत रखेंगे।
कुशाभाऊ ठाकरे के बताए मार्ग पर चलें।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व लोकसभा स्पीकर एवं आयोजन समिति की प्रदेश अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कुशाभाऊ ठाकरे द्वारा बताए गए मार्ग पर चलने और उनकी दी गई शिक्षा एवं नीति को आत्मसात करने का आह्वान किया।
कार्यक्रम को आयोजन समिति के संभाग प्रभारी गोपी कृष्ण नेमा ने भी संबोधित किया और कहा कि कुशाभाऊ ठाकरे जन्म शताब्दी समारोह समिति ने प्रदेश, संभाग से लेकर जिले तक समिति बनाई है एवं आने वाले समय में कई बड़े आयोजन किए जाएंगे जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आदि भी सम्मिलित होंगे।
कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन किया। अतिथि स्वागत मंत्री मोहन यादव, सांसद शंकर लालवानी और बीजेपी नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने किया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व महापौर कृष्णमुरारी मोघे, वरिष्ठ नेता बाबू सिंह रघुवंशी, कैबिनेट मंत्री डॉ मोहन यादव, तुलसी सिलावट, ई.वि.प्रा.अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा, अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के अध्यक्ष सावन सोनकर, प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती, प्रदेश महामंत्री एवं संभाग प्रभारी भगवान दास सबनानी, विधायक रमेश मेंदोला,मालिनी गौड़, आशीष शर्मा,गोपीकृष्ण नेमा,मधु वर्मा सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।