इंदौर : सांसद शंकर लालवानी ने श्रेय लूटने की कवायद में रेलवे, नगर निगम और मेट्रो के अधिकारियों की बैठक लेकर ऐलान कर दिया कि शास्त्री ब्रिज को तोड़कर नया बनाया जाएगा। उनकी इस जल्दबाजी पर सवाल उठने लगे हैं।
गोपी नेमा ने की महापौर से चर्चा।
पूर्व विधायक गोपीकृष्ण नेमा ने महापौर पुष्य मित्र भार्गव से शास्त्री ब्रिज तोड़कर छह लेन का नया ब्रिज बनाने वाली खबरों को लेकर विस्तृत रूप से चर्चा की।नेमा ने महापौर भार्गव से कहा कि शहर का विकास, भाजपा की प्राथमिकता है। मैं भाजपा का कार्यकर्ता होने के साथ शहर का नागरिक भी हूं और विकास का पक्षधर भी हूं पर इतना बड़ा निर्णय करने के पूर्व व्यापक विचार-विमर्श जरूरी है।
पुल निर्माण के लिए रेलवे के पास बजट का प्रावधान है या नहीं..?
नेमा ने कहा कि इसे नगर निगम, रेलवे और मेट्रो ट्रेन का संयुक्त निर्णय बताया जा रहा है। रेलवे अपने स्टेशन का नवीनीकरण करना चाहता है। इसके चलते शास्त्री ब्रिज को रुकावट समझ कर हटाना चाहता है। नेमा ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि रेलवे स्टेशन के आधुनिकरण का बजट क्या है..? इसमें पुल पुनर्निर्माण का प्रावधान है या नहीं और इसकी कितनी राशि स्वीकृत है..? अक्सर कई स्थानों पर प्रदेश में देखा गया है की पुल दोनों और से बन कर तैयार हो जाते हैं और पटरी के ऊपर का हिस्सा जो रेलवे को बनाना होता है, वह लंबे समय तक नहीं बन पाता। यह दृश्य शहरवासियों को तो देखना नहीं पड़ेगा यह जरूरी प्रश्न है। इसका उत्तर महापौर भार्गव रेलवे से प्राप्त करें।
मेट्रो प्रोजेक्ट की डिजाइन पहले ही बन गई थी।
चर्चा में नेमा ने कहा मेट्रो प्रोजेक्ट का कार्य शहर में कई स्थानों पर चल रहा है। इसका रूट डिजाइन नक्शा पूर्व में ही बन गया था, जिसके अनुसार कार्य प्रगति पर है। रूट डिजाइन बनाते समय शास्त्री ब्रिज, मेट्रो टीम को शायद दिखाई नहीं दिया या यह ब्रिज अचानक पैदा हो गया जो मेट्रो टीम इसे तोड़ने की पैरवी कर रही है। यह ब्रिज प्रोजेक्ट में रुकावट है या अन्य कोई कारण है।
महापौर से चर्चा के दौरान नेमा ने कहा कि यह दोनों विभाग जनता से सीधे संपर्क वाले नहीं है पर नगर निगम जनता के दुख सुख का भागीदार और प्रत्यक्ष संवाद वाला विभाग है इसलिए इतने बड़े निर्णय के पूर्व सभी पहलुओं पर चिंतन जरूरी है।
पूर्व और पश्चिम को जोड़ता है शास्त्री ब्रिज।
नेमा ने कहा कि पूर्व- पश्चिम इंदौर को जोड़ने वाला शास्त्री ब्रिज मुख्य पुल है, जिस पर से लाखों व्यक्ति और वाहनों का आवागमन होता है। इसका विकल्प क्या होगा..? पटेल ब्रिज, राजकुमार ब्रिज आज भी व्यस्त यातायात से ग्रस्त हैं। शास्त्री ब्रिज टूटने पर इनकी क्या हालत होगी यह कल्पना से परे है।
शास्त्री मार्केट और अन्य कारोबार का क्या होगा..?
गोपी नेमा ने सवाल उठाते हुए कहा कि शास्त्री ब्रिज के छह लेन का बनने पर शास्त्री मार्केट का भविष्य क्या होगा..? पुल नहीं होने पर महात्मा गांधी मार्ग एवं पूर्वी क्षेत्र के बड़े बड़े शोरूम का व्यापार और व्यापारियों का क्या होगा यह भी चिंतनीय प्रश्न है..?
इसके अलावा नया पुल कितने समय में बनेगा इसके निर्माण की राशि कौन सा विभाग वहन करेगा यह स्पष्ट नहीं है..?
सरवटे बस स्टैंड और पूर्वी क्षेत्र के अस्पतालों तक कैसे होगी पहुंच..?
गोपी नेमा ने महापौर से चर्चा में कहा कि पश्चिम क्षेत्र का व्यक्ति सरवटे बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और पूर्वी क्षेत्रों के हॉस्पिटलों में सुगमता पूर्वक कैसे पहुंचेगा इन सभी प्रश्नों का उत्तर जरूरी है।
नेमा ने कहा विकास के साथ विकल्प भी जरूरी है, जिससे जनता के कष्टों का निवारण भी हो और शहर का विकास भी हो। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने गोपी नेमा की बातों को ध्यान से सुना और आश्वस्त किया कि सभी पक्षों से सभी पहलुओं पर विस्तृत विचार विमर्श करने के बाद ही शहर हित में कोई निर्णय लिया जाएगा।