इंदौर : जिले के प्रभारी तथा प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने शुक्रवार को आयोजित बैठक में इंदौर जिले में कोरोना से निपटने के लिए किए जा रहे कार्यों तथा तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए उसके नियंत्रण के लिए की जा रही तैयारियों की बिन्दुवार समीक्षा की। बैठक में उन्होंने कोरोना काल में नागरिकों को राशन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वितरित किए गए राशन की प्रगति की भी समीक्षा की। बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए। उन्होंने इंदौर के समीप तथा पीथमपुर से लगे बेटमा क्षेत्र में स्थापित किए जा रहे स्मार्ट इंडस्ट्रीयल टाऊनशिप का प्रेजेंटेशन भी देखा।
डॉ. मिश्र ने बैठक में कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति,
रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयास, कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए की जा रही तैयारियां, अस्पताल प्रबन्धन, ऑक्सीजन प्रबन्धन, टीकाकरण आदि की बिन्दुवार समीक्षा की। इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर, विधायक गण रमेश मेंदोला, आकाश विजयवर्गीय, मालिनी गौड़, महेंद्र हार्डिया और विशाल पटेल, कविता पाटीदार, सुदर्शन गुप्ता, जीतू जिराती, गौरव रणदिवे, राजेश सोनकर, मधु वर्मा, राज्य आपदा प्रबंधन समिति के सदस्य डॉ. निशांत खरे, कलेक्टर मनीष सिंह, आयुक्त नगर निगम प्रतिभा पाल, डीआईजी मनीष कपूरिया सहित अन्य अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद थे।
स्व. माधवराव सिंधिया के नाम पर होगा बंगाली चौराहा।
प्रभारी मंत्री डॉ. मिश्र की अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठक में सर्वसम्मति से महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में मंत्री सिलावट की माँग पर तय किया गया कि बंगाली चौराहे पर निर्माणाधीन फ्लायओवर का नामकरण पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. माधवराव सिंधिया के नाम पर किया जाएगा।
मॉडल अस्पताल बनेगा एमवायएच।
इंदौर के एमवाय अस्पताल को मॉडल अस्पताल के रूप में विकसित किया जाएगा। बाणगंगा अस्पताल का उन्नयन कर 30 बिस्तरों की क्षमता को बढ़ाकर सौ बिस्तरों का किया जाएगा। इस संबंध में राज्य शासन को प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया। प्रभारी मंत्री की अनुशंसा पर गठित होने वाली शासकीय समितियों का गठन एक माह में कर लिया जाएगा। जो समितियां राज्य स्तर पर गठित होना है, उनके प्रस्ताव एक माह में भेज दिये जाएंगे। साथ ही तय किया गया कि कोरोना से मृत हुए सभी शासकीय सेवकों के पात्र आश्रितों को एक माह के भीतर अनुकम्पा नियुक्ति दे दी जाएगी। प्रभारी मंत्री डॉ. मिश्र ने सभी से आग्रह किया कि अगर उनके संज्ञान में इस तरह के प्रकरण आते हैं तो उसके निराकरण के लिए संबंधित अधिकारी को जानकारी दें, जिससे उचित कार्रवाई की जा सके।
बैठक में मंत्री डॉ. मिश्र ने निर्देश दिये कि इंदौर के विभिन्न चौराहों, सार्वजनिक स्थानों, सार्वजनिक भवनों, जिनका विधिवत रूप से नामकरण हुआ है, शासकीय रिकार्ड तथा शासकीय पत्राचार में उनका नामकरण उसी के अनुरूप किया जाए।
तीन लाख से अधिक परिवारों को दिया गया राशन।
बैठक में बताया गया कि इंदौर जिले में कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन के दौरान नागरिकों को राशन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री खाद्यान्न योजना तथा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के अन्तर्गत तीन लाख से अधिक परिवारों को लाभान्वित किया गया। इन परिवारों के 15 लाख से अधिक नागरिक लाभान्वित हुए। इन नागरिकों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अन्तर्गत एक लाख 93 हजार 740 क्विंटल और प्रधानमंत्री खाद्यान्न योजना के अन्तर्गत एक लाख 27 हजार 920 क्विंटल खाद्यान्न का वितरण किया गया। जिले में ऐसे परिवार जिनके पास पात्रता पर्ची नहीं थी, उन्हें भी राशन देने के लिए अस्थायी पात्रता पर्ची दी गई। इसकी समीक्षा के दौरान मंत्री डॉ. मिश्र ने निर्देश दिए कि ऐसे परिवार जिनके पास अस्थायी पर्ची है, उनसे पात्रता के दस्तावेज लेकर शीघ्र ही पात्रता पर्ची को स्थायी किया जाए। जिन लोगों को अभी तक अस्थायी पात्रता पर्ची नहीं मिली है, उन्हें भी तुरंत पात्रता पर्ची उपलब्ध कराने के निर्देश बैठक में दिए गए। बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि सभी पात्र परिवारों को राशन मिल रहा है या नहीं इसके पर्यवेक्षण के लिये आपदा प्रबंधन समिति के सदस्यों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
सर्वसुविधायुक्त स्मार्ट इंडस्ट्रीयल टाउनशिप।
बैठक में बताया गया कि मध्यप्रदेश इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कार्पोरेशन द्वारा इंदौर व पीथमपुर के समीप बेटमा क्षेत्र में सर्वसुविधायुक्त स्मार्ट इंडस्ट्रीयल टाऊनशिप बनाई जा रही है। इस योजना के अन्तर्गत देश में पहली बार लैंड पुलिंग प्रक्रिया के तहत भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। इसके तहत ग्रामीणों को 20 प्रतिशत की नकद मुआवजा राशि दी जा रही है तथा 80 प्रतिशत विकसित भूखण्ड संबंधित ग्रामीणों को दिए जाएंगे। यह टाऊनशिप सभी मूलभूत सुविधाओं से युक्त है। प्रथम चरण में 956 हेक्टेयर में टाऊनशिप विकसित की जा रही है।
इंदौर में हुए कार्य बेहतर उदाहरण।
बैठक में तुलसी सिलावट ने कहा कि कोरोना पर नियंत्रण व टीकाकरण के लिए इंदौर में एकजुटता और पूर्ण सामंजस्यता के साथ काम किया गया। कोरोना को समय रहते नियंत्रित कर लिया गया। इंदौर में इस दिशा में किए गए कार्य, अन्य जिलों के लिए बेहतर उदाहरण हैं। मंत्री सिलावट ने बताया कि निजी चिकित्सालयों के साथ ही इंदौर के सभी शासकीय चिकित्सालयों में भी कोरोना का बेहतर उपचार हुआ है। शासकीय अस्पतालों में बेहतर उपचार और सभी सुविधाएं मिलने पर नागरिकों का विश्वास शासकीय अस्पतालों के प्रति बढ़ा है।
तीसरी लहर के मद्देनजर बच्चों और महिलाओं के लिये विशेष व्यवस्था।
बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह ने कोरोना से निपटने के लिए की गई व्यवस्थाओं, प्रबंधन और तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर एहतियात के रूप में किए जा रहे उपायों की जानकारी दी। उन्होंने इंदौर जिले में टीकाकरण महाअभियान के अंतर्गत टीकाकरण के लिए किए गए विशेष प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के इलाज के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। कोरोना के दूसरे चरण में जहाँ ऑक्सीजन युक्त और आईसीयू बेड्स की संख्या 7 हजार 650 थी, उन्हें बढ़ाकर 10 हजार 250 किया गया है। इनमें महिलाओं और बच्चों के आईसीयू युक्त बेड्स की संख्या भी पर्याप्त रखी गई है। उन्होंने बताया कि जिले में पहली बार चार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को भी कोविड अस्पताल के रूप में परिवर्तित किया गया है। गर्भवती महिलाओं और बच्चों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर उनके लिए चार विशेष मातृ शिशु एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई है। कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के इलाज के लिए डॉक्टर्स एवं नर्स को विशेष रूप से ट्रेनिंग देने की व्यवस्था की गई है। ट्रेनिंग का कार्य प्रारंभ हो गया है। जिले में लगभग 77 प्रतिशत लोगों का टीकाकरण हो चुका है।