घोड़ा पछाड़ बाँध का निरीक्षण करने के दौरान खामियां पाए जाने पर जताई नाराजगी।
भोपाल : जल-संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने भोपाल में घोड़ा पछाड़ डैम का औचक निरीक्षण किया। मंत्री सिलावट ने 2 किलोमीटर पैदल चल कर डैम की स्थिति का जायजा लिया और बाँध की दीवार में खामियां पाए जाने पर 4 अधिकारियों को शो-कॉज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। मंत्री सिलावट ने बांध की दीवार पर सड़क बनाने के निर्देश दिए। साथ ही मरम्मत का काम नहीं होने पर भी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने मुख्य अभियंता कुसरे को निर्देश दिए कि संबंधित कार्यपालन यंत्री, एसडीओ और दो सब इंजीनियर को शो-कॉज नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब लें।
मंत्री सिलावट ने डेम से निकलने वाली नहर का भी निरीक्षण किया। नहर से पानी के रिसाव पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि रिसाव को शीघ्र ठीक किया जाए। पानी वेस्टेज न हो, इसके लिए पर्याप्त उपाय किए जाएँ। मंत्री सिलावट ने बाँध में मछली-पालन की व्यवस्थाओं को भी देखा। यहाँ पर 266 केज लगाकर मछली उत्पादन किया जा रहा है। संचालक मछली-पालन भरत सिंह ने बताया कि प्रत्येक केज में साल में 4 टन मछली पैदा हो रही है। यहाँ एक हजार टन से अधिक मछली साल भर में पैदा की जा रही है। मछली की गुणवत्ता के लिए उच्च क्वालिटी का स्टेंडर्ड फ्राई डाला जाता है।
जल संसाधन मंत्री सिलावट ने बांध के पास बने भवन का भी निरीक्षण कर खाली जगह में पौधरोपण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नहर के आस-पास यदि कोई अतिक्रमण है तो उसे जिला प्रशासन के साथ कार्रवाई कर तुरंत हटाया जाए। सिलावट ने निर्देश दिए कि बाँध से पानी छोड़े जाने पर स्थानीय विधायक और जन-प्रतिनिधि को भी अवगत कराया जाए।
बता दें कि घोड़ा पछाड़ डेम वर्ष 1965 में बना है। इसमें 12 एमसीएम से अधिक पानी संग्रहण होता है। इसके पानी से लगभग 1400 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जाती है।