प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का शुभारंभ।
महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि के सानिध्य में पूजन।
इंदौर : नव श्रृंगारित अन्नपूर्णा मंदिर पर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का शुभारंभ मंगलावर सुबह 111 विद्वान आचार्यों द्वारा सहस्त्रचंडी महायज्ञ में प्रायश्चित कर्म, पंचांग कर्म, ब्राह्मण वरण, मंडप प्रवेश के साथ हुआ। इसके साथ ही समूचा मंदिर परिसर मंत्रोच्चार की मंगल ध्वनि से गूंज उठा। दोपहर के सत्र में मां अन्नपूर्णा, मां कालिका, मां सरस्वती, गणेशजी, हनुमानजी, भोलेनाथ एवं मां गायत्री की प्रतिमाओं के जलाधिवास की प्रक्रिया आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि महाराज के सान्निध्य एवं मुख्य यजमान विनोद –नीना अग्रवाल द्वारा पूजा-अर्चना के साथ संपन्न हुई। आचार्य पं. कल्याणदत्त शास्त्री के निर्देशन में यहां बुधवार दोपहर प्रतिमाओं के अन्नाधिवास एवं गुरूवार को शय्याधिवास की प्रक्रियाएं शास्त्रोक्त विधि से संपन्न होंगी।
आश्रम के न्यासी मंडल की ओर से गोपाल दास मित्तल, जगदीश भाई पटेल एवं दिनेश मित्तल ने बताया कि 8 दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में 110 विद्वान आचार्य एवं एक मुख्य आचार्य सहित 111 विद्वान विभिन्न शास्त्रोक्त क्रियाएं संपन्न कराएंगे। इसकी शुरुआत सुबह प्रायश्चित एवं पंचाग कर्म के साथ हुई। नूतन श्रृंगारित मंदिर के पीछे यज्ञशाला में नवकुंडीय महायज्ञ के शुभारंभ पर महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि के साथ अनेक संत विद्वान भी उपस्थित थे। आश्रम के ट्रस्टी मंडल की ओर से श्याम सिंघल, सत्यनारायण शर्मा, टीकमचंद गर्ग, पवन सिंघानिया, वरजिंदरसिंह छाबड़ा, सुनील गुप्ता आदि ने श्रद्धालुओं की अगवानी की। दोपहर के सत्र में मंडप देवता स्थापना के बाद मातारानी के प्राचीन मंदिर में स्थापित तीनों देवियों की प्रतिमाओं को यज्ञ स्थल पर लाया गया, जहां मुख्य यजमान विनोद –नीना अग्रवाल एवं अन्य श्रद्धालुओं ने गंगाजल, पंचगव्य एवं अन्य पदार्थों से प्रथम पूजन कर इन प्रतिमाओं के जलाधिवास की प्रक्रिया संपन्न की। इनके साथ ही गणेशजी, हनुमानजी, भोलेनाथ और मां गायत्री की प्रतिमाओं के जलाधिवास की विधि भी सैकड़ों भक्तों के जयघोष के बीच संपन्न हुई।