विपक्ष को खत्म करने की कवायद में जुटी है मोदी सरकार
कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने लगाए आरोप।
इंदौर: बीजेपी देश में लोकतंत्र को खत्म करने पर तुली है। विपक्ष को नेस्तनाबूत करने की साजिश रची जा रही है। विपक्ष का ऐसा कोई बड़ा नेता नहीं है जिसके यहां ईडी, इनकम टैक्स और सीबीआई के छापे नहीं डलवाए जा रहे हों। देश में अघोषित आपातकाल मोदी सरकार के कार्यकाल में लगा हुआ है। एक तानाशाह ने देश पर कब्जा कर लिया है। विपक्ष के नेताओं को झूठे मामलों में उलझाकर जेल में डालने की कवायद चल रही है। राहुल गांधी से मोदी सरकार इतनी डरी हुई है कि सूरत कोर्ट का फैसला आने के चंद घंटों में ही उनकी लोकसभा की सदस्यता खत्म कर दी गई जबकि कोर्ट ने ही राहुल गांधी को ऊपरी अदालत में अपील करने के लिए एक माह की मोहलत दी है। ये बात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कही। वे इंदौर प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता के जरिए अपनी बात रख रहे थे।
दोहरे मापदंड अपना रही बीजेपी।
सज्जन वर्मा ने कहा कि राहुल गांधी की सदस्यता खत्म करने में तो बीजेपी ने बहुत तेजी दिखाई पर मप्र में बीजेपी के दो विधायकों को सजा होने पर विधानसभा स्पीकर को अवगत कराने के बावजूद छह माह तक उनके मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया क्योंकि सरकार और स्पीकर दोनों बीजेपी के हैं। ये दोहरा मापदंड ही बताता है की बीजेपी राहुल गांधी से कितना डरी हुई है।
अडानी को लेकर सवाल न पूछे इसलिए खत्म की सदस्यता।
सज्जन वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अडानी के गठबंधन को लेकर राहुल गांधी लगातार सवाल कर रहे थे। देश के निवेशकों को, बैंकों को जिसतरह से अडानी नुकसान पहुंचा रहे हैं। उसके बारे में राहुल गांधी प्रधानमंत्री मोदी को कटघरे में खड़ा कर रहे थे। इसीलिए उन्हें लोकसभा में बोलने नहीं दिया गया और मौका देखते ही उनकी सदस्यता खत्म कर दी गई। कांग्रेस इस मामले को जनता के बीच ले जाएगी और सड़क पर लड़ाई लड़ेगी।
विदेश में राहुल गांधी ने की मन की बात।
सज्जन वर्मा ने इस बात को गलत बताया कि विदेश में राहुल गांधी किसी तरह की मदद मांगने गए थे। उनका कहना था कि उन्हें वहां बोलने के लिए आमंत्रित किया गया था। राहुल गांधी ने वहां अपने मन की बात कही थी। लोकसभा में उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा था। उन्होंने कोई भी देश विरोधी बात नहीं की।
शिवराज के राज में कानून व्यवस्था ध्वस्त।
सज्जन वर्मा ने आंकड़ों के हवाले से मप्र की शिवराज सरकार को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि शिव के राज में मप्र अपराधों में नंबर वन बन गया है। दलित, आदिवासी और महिलाओं पर अत्याचार के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। किसानों को उनकी उपज का सही दाम नहीं मिल रहा है। ओलावृष्टि से पीड़ित किसानों की सरकार सुध नहीं ले रही है। इस सरकार की रवानगी का समय अब आ गया है। महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी से त्रस्त जनता बीजेपी को आगामी विधानसभा चुनाव में कड़ा सबक सिखाएगी।
इसके एक दिन पूर्व मप्र के पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने भी शिवराज सरकार पर हमला बोलते हुए उसे किसान विरोध निरूपित किया था। उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर भी किसानों के साथ छल करने का आरोप लगाया था।