अन्य बीजेपी नेताओं और पत्रकार संगठनों ने भी कमलनाथ के अशोभनीय बर्ताव पर जताया आक्रोश।
इंदौर : शनिवार को गांधी हॉल के कार्यक्रम में पूर्व सीएम और पीसीसी चीफ कमलनाथ द्वारा मीडियाकर्मियों के साथ किए गए अशालीन बर्ताव की व्यापक प्रतिक्रिया हुई है। चुनावी दौर में बीजेपी ने इस मुद्दे को तत्काल लपकते हुए लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के प्रति कमलनाथ के व्यवहार को अशोभनीय बताते हुए उसकी कड़ी निंदा की।
कमलनाथ का बर्ताव आपातकाल की मानसिकता का परिचायक।
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने पत्रकारों के साथ कमलनाथ के बर्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनका यह व्यवहार आपातकाल और 1984 के दंगों को भड़काने वाली मानसिकता का परिचायक है। उनका यह आचरण उनकी बौखलाहट को प्रदर्शित करता है।
कमलनाथ का व्यवहार निंदनीय।
भारतीय जनता पार्टी के नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने कमलनाथ द्वारा पत्रकारों से किए गए दुर्व्यवहार की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने कहा कि इस तरह का कृत्य कांग्रेसियों खासकर कमलनाथ के अहंकार को दर्शाता है। इंदौर के पत्रकार साथी रात दिन लगातार अपना काम पूर्ण निष्ठा से करते हैं पत्रकारों के साथ ऐसा दुर्व्यवहार करना और ललकारते हुए बाहर निकालना घोर निंदनीय है। कमलनाथ को पत्रकारों से क्षमा मांगनी चाहिए।
कांग्रेस के अंतर्कलह का गुस्सा पत्रकारों पर क्यों..?
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता गोविंद मालू ने भी कमलनाथ के पत्रकारों के साथ किए गए बर्ताव की निंदा करते हुए कहा कि कांग्रेस के अंतर्कलह से परेशान कमलनाथ अपना गुस्सा मीडियाकर्मियों पर निकाल रहे हैं। उन्हें अपने व्यवहार पर आत्मचिंतन करना चाहिए।
पत्रकार साथियों के साथ कमलनाथ द्वारा किए गए दुर्व्यवहार पर पत्रकार संगठनों ने भी आक्रोश जताया है।
पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार बरदाश्त नहीं।
मांग मातंग समाज के कार्यक्रम में मीडियाकर्मियों के साथ कमलनाथ द्वारा किए गए अमर्यादित व्यवहार की इंदौर प्रेस क्लब के महासचिव हेमंत शर्मा ने भी निंदा की है। उन्होंने कहा कि मीडिया के साथियों से दुर्व्यवहार बरदाश्त नहीं किया जाएगा । इस कार्यक्रम में मीडिया को आमंत्रित किया गया था तभी मीडिया के साथी पहुंचे थे। कमलनाथ को अपने बर्ताव के लिए खेद जताना चाहिए।
मीडियाकर्मियों के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाना गलत।
स्टेट प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल ने कमलनाथ के मीडियाकर्मियों के किए बर्ताव को गलत ठहराया है। उन्होंने कहा कि
कमलनाथ के जिसे जाना हो जाए…जैसे कड़वे वचनों के कारण ही कांग्रेस की निर्वाचित सरकार बीजेपी की झोली में चली गईं थी। मीडिया आमंत्रण मिलने पर ही कवरेज के लिए गाँधी हॉल के आयोजन में गया था लेकिन वहां एकाएक कमलनाथ का उत्तेजित स्वरूप देखकर सभी हतप्रभ रह गए। आयोजकों को मीडिया के लिए पर्याप्त स्थान रखना था। अब इस मामले में मीडियाकर्मियों के आत्मसम्मान की पुर्नस्थापना भी स्वयं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को ही करना चाहिए।