लगातार हंगामा करते रहे बीजेपी पार्षद, विपक्ष को नहीं दिया बोलने का मौका।
इंदौर : भारी हंगामें और नारेबाजी के बीच निगम बजट बिना बहस के पारित कर दिया गया। तय रणनीति के तहत सत्तारूढ़ दल ने विपक्ष को बोलने का मौका ही नहीं दिया और लगातार हंगामा करते रहे। लगातार व्यवधान के चलते तीन बार बैठक स्थगित करने के बाद अंततः निगम सभापति ने बजट को बहुमत के आधार पर पारित घोषित कर दिया।
दरअसल, बजट को लेकर आयोजित दो दिवसीय निगम परिषद सम्मेलन के पहले दिन कांग्रेस के पार्षद काले कपडे पहनकर और हाथों में भ्रष्टाचार विरोधी तख्तियां लेकर आए थे, जिसका बीजेपी के पार्षदों ने विरोध किया। सभापति द्वारा तख्तियां बाहर रखकर आने की बात भी कांग्रेस पार्षदों ने नहीं मानी। वे बजट से पहले फर्जी बिल घोटाले पर चर्चा की मांग कर रहे थे। यही नहीं दिवंगतों को श्रद्धांजलि देने के दौरान भी नेता प्रतिपक्ष ने अन्य मुद्दे उठाए, जिस पर सतारूढ़ दल ने आपत्ति जताई और हंगामा होने लगा। इस पर सभापति ने नेता प्रतिपक्ष चिंटू चोकसे को सदन से निष्कासित कर दिया। इसके बाद तमाम कांग्रेसी पार्षद भी सदन से बहिर्गमन कर गए। महापौर ने बजट विपक्ष की गैर मौजूदगी में ही पेश किया।
कांग्रेस के रवैए को देखते हुए बीजेपी ने सम्मेलन के दूसरे दिन वियक्षी दल कांग्रेस को बोलने ही नहीं दिया। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के पार्षदों को एक भी सवाल नहीं करने दिया गया। सत्ता पक्ष बीजेपी के पार्षद लगातार हंगामा करते रहे। इसके चलते सभापति को दो बार सदन की कार्रवाई स्थगित करनी पड़ी। जब फिर से सदन की कार्रवाई शुरू हुई तो महापौर भार्गव ने बजट पर चर्चा से पहले दिवंगतों को श्रद्धांजलि के दौरान हंगामा जताने पर कांग्रेस से खेद जताने को कहा। नेता प्रतिपक्ष चिंटू चोकसे ने इस बात को गलत बताते हुए खेद जताने से इंकार किया तो बीजेपी पार्षद माफी की मांग करते हुए लगातार हंगामा करने लगे। कांग्रेस की महिला पार्षद इस पर आसंदी के समक्ष पहुंच गई तो बीजेपी की महिला पार्षद भी वहां पहुंच गई। दोनों ओर से नारेबाजी होती रही। लगातार हंगामा होता देख सभापति मुन्नालाल यादव ने बहुमत के आधार पर बिना बहस के ही बजट पारित होने की घोषणा कर दी और सदन की कार्रवाई को समाप्त कर दिया।
नेता नेता प्रतिपक्ष चिंटू चोकसे ने बिना बहस के बजट पारित करने की आलोचना करते हुए कहा कि फर्जी बिल सहित अन्य घोटालों से जुड़े सवालों के जवाब देने से बचने के लिए सत्तारूढ़ बीजेपी ने सदन में बहस नहीं होने दी। उन्होंने बजट में आम आदमी पर करों का बोझ बढ़ाने की भी कड़ी निन्दा की।
उधर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि कांग्रेस की सोच विकास विरोधी है। जिन्होंने बजट का बहिष्कार कर दिया वे बजट पर चर्चा की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को हमने उजागर किया। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की और उन्हें जेल भेजा। संबंधित ठेकेदारों को भी ब्लैकलिस्ट किया गया। टैक्स वृद्धि का बचाव करते हुए महापौर ने कहा कि बीते 15 वर्षों में कोई टैक्स वृद्धि नहीं की गई। विकास कार्यों के लिए संसाधन जुटाने हेतु करों में बढ़ोतरी आवश्यक थी।