इंदौर : 07 वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म करने वाले दरिंदे को पॉक्सो एक्ट के तहत अदालत ने तिहरे मृत्युदंड की सजा से दंडित किया है। थाना हीरानगर, नगरीय जिला इन्दौर के अपराध क्रमांक 134/2024 विशेष सत्र प्रकरण क्रमांक 93/2024 में न्यायालय द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) सविता जड़िया ने यह निर्णय पारित करते हुए आरोपी मंगल पंवार पिता लाल सिंह पंवार निवासी देवास म०प्र० को धारा 376 (एबी) भादवि एवं धारा 5एम/6 एवं 5 आई /6 पॉक्सो एक्ट में पृथक-पृथक तिहरे मृत्युदंड से दंडित किया। आरोपी को धारा 363 व 366 भादवि में 03 वर्ष एवं 05 वर्ष के सश्रम कारावास से भी दंडित किया गया है। ये था पूरा मामला :-
दिनांक 27/02/2024 को आरोपी मंगल पंवार स्कीम नंबर 136 में अपनी झोपड़ी के सामने खेल रही 07 वर्षीय बालिका का अपहरण करके ले गया और पास पड़े खाली प्लाट पर ले जाकर उसके साथ बर्बरता से दुष्कर्म किया। इस घटना में पीड़िता के प्रायवेट पार्ट पर गंभीर चोटे आयी थी। उपरोक्त प्रकरण को न्यायालय द्वारा विरल से विरलतम श्रेणी का मानते हुये आरोपी को तिहरे मृत्यु दण्ड से दण्डित किया गया है। प्रकरण की विवेचना उपनिरीक्षक शुभम पान्डे द्वारा की गई और नोडल अधिकारी के रुप में न्यायालय में प्रकरण से संबंधित साक्ष्य कराये गये। विचारण के दौरान मात्र 08 पेशी तारीखों में 24 साक्षियों के कथन न्यायालय में कराये गये। सभी साक्षी अभियोजन के पक्ष में रहे। अभियोजन की ओर से प्रकरण की पैरवी विशेष लोक अभियोजक संजय मीणा द्वारा की गयी।
न्यायालय द्वारा अवयस्क पीड़िता को हुए मानसिक व शारीरिक कष्ट हेतु पृथक से 5,00,000/- रुपये राशि प्रतिकर स्वरूप दिलाये जाने की अनुशंसा भी की गई।
न्यायालय ने अपने निर्णय में अंकित किया है कि पीडिता बलात्कार के बाद यदि जीवित रह जाती है तो उसकी जिंदगी मृत्यु से भी कष्ट दायक हो जाती है और उसे जीवन भर की पीडा होती है। ऐसी दशा में अभियुक्त द्वारा किए गए क्रूरतापूर्वक दुष्कर्म, जिसमें बच्ची की उम्र मात्र 07 वर्ष थी। अभियुक्त द्वारा उसकी जननेंद्रियों को गंभीर क्षति पहुंचाई गई उससे उसकी मानसिकता को देखते हुए भविष्य में भी वह इस प्रकार का अपराध कर सकता है इसलिए ऐसे अभियुक्त को पॉक्सो एक्ट की मंशा के अनुरूप मृत्युदंड से ही दंडित किया जाना उचित होगा जिससे समाज में ऐसे अपराधों की रोकथाम हो सके।