नारी के रूप में जन्म लेना ही सबसे बड़ा सम्मान है : कविता पाटीदार।
इंदौर : शहर हित में अपनी आवाज बुलंद करने वाली सामाजिक संस्था अभ्यास मंडल द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर विभिन्न क्षेत्रों में काम करते हुए समाज समाज, शहर और प्रदेश की उन्नति में योगदान देने वाली चुनिंदा महिला नेत्रियों का सम्मान किया गया। इंदौर प्रेस क्लब के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद कविता पाटीदार थीं। उनके हाथों शॉल, श्रीफल और प्रशस्ति पत्र भेंटकर कुल 06 महिला नेत्रियों का सम्मान किया गया।
इनका किया गया सम्मान :-
जिन महिलाओं को सम्मानित किया गया, उनमें डॉ. सुनंदा जैन (चिकित्सा), मीना चाफेकर (वरिष्ठ अभिभाषक और समाजसेवी), सुषमा गोलवलकर सारोलकर (खो खो, अर्जुन अवॉर्ड), अलका सोनकर (सेंट्रल जेल अधीक्षक), अंकिता खाबिया (उद्यमी) और डॉ. अर्पणा श्रीवास्तव ( समाजसेवी) शामिल थीं। नारी के रूप में जन्म लेना ही सबसे बड़ा सम्मान।
मुख्य अतिथि सांसद कविता पाटीदार ने इस मौके पर अपने विचार रखते हुए कहा कि 365 दिन ही महिला दिवस होता है। नारी को समाज में महिला आरक्षण का बिन्दु नही बल्कि अपने उत्कर्ष का गौरव स्थापित करना है। क्योंकि भारत जैसे देश मे नारी के रूप में जन्म लेना ही सबसे बड़ा सम्मान है। उन्होंने सम्मानित सभी महिलाओं के समाज में योगदान की सराहना करते हुए कहा कि इससे अन्य महिलाएं भी प्रेरित होंगी। कार्यक्रम में सम्मानित हुई महिलाओं ने भी अपने विचार रखे।
अभ्यास मंडल की सचिव माला सिंह ठाकुर ने अभ्यास मंडल की जानकारी देते हुए कहा कि हमें शहर की सेवाभावी महिलाओं का सम्मान करते हुए गौरव की अनुभूति हो रही है। अभ्यास मंडल के अध्यक्ष रामेश्वर गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन पल्लवी आढ़ाव ने किया आभार वैशाली खरे ने माना। महिला दिवस के इस कार्यक्रम में महिलाओं से ज्यादा उपस्थिति पुरुषों की रही।