सच को लिखने और दिखाने का साहस वैकल्पिक मीडिया की देन..
‘सफल होता वैकल्पिक मीडिया’ विषय पर सत्र में बोले आमंत्रित वक्ता।
इंदौर : कड़े संघर्ष और दृढ़ संकल्प से देश में वैकल्पिक मीडिया ने अपनी अलग जगह बनाई है और वह लगातार सफल हो रहा है। उसने मेन स्ट्रीम मीडिया कहीं पीछे छोड़ दिया है।सच दिखाने और बताने का साहस रखने वाला वैकल्पिक मीडिया ही आज देश का असली मीडिया है, जो आम लोगों की आवाज को उठा रहा है।
यह बात इंदौर प्रेस क्लब द्वारा आयोजित इंदौर मीडिया कॉन्क्लेव के दूसरे दिन पहले सत्र में वक्ताओं ने कही। ‘सफल होता वैकल्पिक मीडिया’ विषय पर इस सत्र का आयोजन किया गया।
मेन स्ट्रीम मीडिया से ताकतवर हो गया है वैकल्पिक मीडिया।
4 पीएम लखनऊ के संजय शर्मा ने कहा कि सत्ताधीशों के दबाव और सत्ताओं से संघर्ष के बीच भी हम अपनी अलग पहचान और स्थान बनाने में सफल हुए हैं। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि वैकल्पिक मीडिया सच दिखाने और बताने का साहस रखता है। सच बोलने की बड़ी कीमत भी चुकानी पड़ती है। उन्होंने राजनीतिक और सत्ता के दबाव के कई किस्से सुनाते हुए कहा कि इस सबके बीच भी वैकल्पिक मीडिया सशक्त होता चला जा रहा है। लोगों का विश्वास इस पर बढ़ रहा है। उन्होंने पत्रकारिता के छात्रों से कहा कि वैकल्पिक मीडिया में काम करने के साथ वैकल्पिक रोजगार भी अपने साथ जरूर रखें। बड़ा सपना देखें और उस सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें। जब मुकाबला सत्ताधीशों या ताकतवर लोगों से हो तो उस मुकाबले के लिए प्रकाशित, प्रसारित की गई खबर के दस्तावेज जरूर अपने पास रखें।
खबर की गूंज संसद में हुई।
‘द लपेटा’ के भुवनेश सेंगर ने कहा कि उन्होंने अनेक नामचीन और बड़े चैनलों में काम किया। जब सबसे कम तनख्वाह मिलती थी, तब मैं सबसे अच्छा काम और दमदार पत्रकारिता करता था। इनमें से कुछ चैनलों में काम करने के बाद मुझे लगा कि मेरी प्रसिद्धि तो बढ़ गई है लेकिन मैं पत्रकारिता नहीं कर पा रहा हूं। मैंने चैनलों का साथ छोड़ा और अपना खुद का प्लेटफार्म द लपेटा स्थापित किया। यह एक ऐसा प्लेटफार्म है, जिस पर काम करते हुए सुकून महसूस हो रहा है। उन्होंने कहा कि द लपेटा की एक खबर की गूंज जब संसद में हुई और खबर का असर दिखाई पड़ा तो उन्हें बड़ी खुशी हुई कि उनके प्रयास सही दिशा में हैं।
आदिवासी अंचल के लोगों की आवाज बनने का प्रयास किया।
सीबीलाइव झाबुआ के चंद्रभान सिंह ने कहा कि दमदारी से पत्रकारिता करने के लिए अपना प्लेटफार्म होना जरूरी है, यह अहसास होने के बाद उन्होंने अपना प्लेटफार्म शुरू किया। आदिवासियों की आवाज बनने का प्रयास किया और इसमें कामयाबी भी मिली, क्योंकि वैकल्पिक मीडिया एक मिशन की तरह काम कर रहा है, जिसका उद्देश्य सिर्फ खबरे दिखाना नहीं बल्कि आदिवासी अंचल के जरूरतमंद लोगों की मदद करना भी है। लाखों लोग हमारे फालोअर्स हैं यह हमारे वैकल्पिक मीडिया की बड़ी कामयाबी है।
खबर की प्रामाणिकता पर देते हैं ध्यान।
मीडियावाला के सुरेश तिवारी ने कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें साथियों ने सलाह दी कि मीडिया का काम शुरू करें। हमने पहले पीआर एजेंसी शुरू की और फिर मीडियावाला का प्लेटफार्म कुछ अलग करने के संकल्प के साथ प्रारंभ किया। कुछ विशेष कॉलम शुरू किए, जिनकी लोकप्रियता खूब बढ़ी। उन्होंने एक कॉलम में लिखे लेख का उल्लेख करते हुए कहा कि उस पर बड़ी संख्या में पाठकों की प्रतिक्रिया आ गई। ऐसे ही कई और आलेखों को पाठकों की भारी प्रतिक्रिया मिलने लगी, तब हमें लगा कि हमने जो तय किया था उसमें हम सफल हो रहे हैं। खबर की जहां तक बात है तो हम उसकी प्रमाणिकता पर बहुत अधिक ध्यान देते हैं।
सत्र के मॉडरेटर इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने वैकल्पिक मीडिया प्लेटफार्म को अपनाकर सफल हुए सर्वश्री संजय शर्मा, भुवनेश सेंगर, चंद्रभान सिंह और सुरेश तिवारी के प्रयासों की तारीफ की और कहा कि वैकल्पिक मीडिया ने बड़ी उपस्थिति देश के मीडिया जगत में दर्ज कराई है।
अतिथियों का स्वागत करते हुए उन्हें स्मृति चिन्ह प्रेस क्लब महासचिव हेमंत शर्मा, कोषाध्यक्ष संजय त्रिपाठी, वरिष्ठ पत्रकार सुनील जोशी, सुधाकर सिंह, संदीप सिंह सिसोदिया, हरिनारायण शर्मा, प्रवीण सावंत, डॉ. अर्पण जैन ने प्रदान किए। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार मुकेश तिवारी ने किया। आभार प्रेस क्लब के सचिव अभिषेक मिश्रा ने माना। इस मौके पर कई वरिष्ठ पत्रकार, छायाकार, इलेक्ट्रॉनिक और वेब मीडिया से जुड़े मीडिया के साथी, पत्रकारिता संस्थानों के विद्यार्थी, शहर की कई प्रमुख संस्थाओं के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।