जल्द जारी होंगे टेंडर।
(कीर्ति राणा) तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समय इंदौर में हुई ग्लोबल इंवेस्टर समिट में देश-विदेश के मेहमान सदस्यों को ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में जगह छोटी पड़ने से परेशानी का सामना करना पड़ा था। इससे सबक लेते हुए प्रदेश सरकार ने इंदौर में सर्वसुविधायुक्त कंवेंशन सेंटर के निर्माण का मन बना लिया था। अब मुख्यमंत्री मोहन यादव इस योजना को जल्द से जल्द मूर्त रूप देना चाहते हैं। प्राधिकरण ने सुपर कॉरिडोर पर 17 हेक्टेयर जमीन पर कंवेंशन सेंटर का प्लान बना लिया है। मॉडल तैयार है। विकास प्राधिकरण संचालक मंडल की बैठक में इसे पीपीपी मॉडल पर बनाने के लिए टेंडर जारी करने की प्रक्रिया शुरु हो गई है। मप्र का यह पहला सर्वाधिक दर्शक क्षमता वाला सेंटर होगा। इसका निर्माण एयरपोर्ट के निकट सुपर कॉरिडोर स्कीम नंबर 172 की की करीब 17 हेक्टेयर भूमि पर होगा। प्राधिकरण की जिस भूमि पर निर्माण होना है उसकी कीमत ही करीब 700 करोड़ रु है। पीपीपी मॉडल पर बनने वाले इस कन्वेंशन सेंटर के निर्माण पर कुल 14 सौ करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च अनुमानित है।
सभागार तो हैं लेकिन इतना विशाल नहीं।
ऐसा नहीं कि इंदौर में सभागार नहीं हैं। रवींद्र नाट्य गृह, आनंद मोहन माथुर और कुंती सभागार, लता मंगेशकर ऑडिटोरियम, लाभगंगा, मेडिकल कॉलेज सभागार, एसजीएसआईटीएस का गोल्डन हॉल, एमजीएम मेडिकल कॉलेज का सभागार, जाल सभागृह, प्रीतमलाल दुआ सभागार आदि हैं लेकिन इनकी दर्शक क्षमता 250 से 1000 तक ही है। इनका बहुआयामी उपयोग भी संभव नहीं है। ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में सबसे बड़े हॉल की बैठक क्षमता भी 02 हजार से ज्यादा नहीं है। ज्यादातर हॉल में संगोष्ठी, नाटक, संगीत समारोह,सेमिनार आदि ही किए जा सकते हैं जबकि स्कीम नंबर 172 का यह प्रस्तावित कंवेंशन सेंटर बहुआयामी और 05 हजार की बैठक क्षमता का होगा। इसके निर्माण एवं विकास पर लागत खर्च 545.77 करोड़ अनुमानित है। इसमें प्रदर्शनी केंद्र भी 10,000 वर्गमीटर क्षेत्र में निर्मित किया जाएगा। इतने ही क्षेत्र में ऑडिटोरियम भी निर्मित होगा।
यहां ऑडिटोरियम और कई कॉन्फ्रेंस हॉल के अलावा
सभी सुविधाओं के साथ 3+ स्टार होटल, शॉपिंग मॉल और कार्यालय रहेंगे।
परियोजना प्रभाव :-
स्कीम नंबर 172 में कंवेंशन सेंटर के निर्माण से 8500 लोगों के लिये रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
विकास प्राधिकरण सीईओ आर पी अहिरवार के मुताबिक यह कन्वेंशन सेंटर आईडीए की सुपर कॉरिडोर अंतर्गत जिस योजना क्र. 172 में आकार लेगा उसमें 10 हजार बैठक क्षमता वाले सेंटर के लिए प्रस्तावित 17 हेक्टेयर भूमि में से 11 हेक्टेयर भूमि सेंटर के लिए रखी गई है। बाकी, 6 हेक्टेयर भूमि व्यावसायिक गतिविधियों के लिए आरक्षित रखी गई है।इस पूरे निर्माण पर 14 सौ करोड़ रुपए लागत आएगी । प्रस्तावित कन्वेंशन सेंटर वातानुकूलित होने के साथ आधुनिक सुविधाओं से लैस रहेगा। एक बड़ा हॉल 5 हजार, वहीं 2 हॉल 2-2 हजार बैठक क्षमता वाले रहेंगे।
एक्सपो सेंटर, रेस्टोरेंट के साथ ही मीटिंग हॉल का निर्माण भी प्रस्तावित ।
कन्वेन्शन सेंटर बहुमंजिला इमारत होगी, जिसमें प्रवेश लॉबी, रिसेप्शन, कैफे, एस्केलेटर, आउटडोर एवं इनडोर प्रदर्शनी के लिए स्थान, सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए मंच व रिहर्सल रूम के साथ एडमिन कक्ष का प्रावधान है।
पीपीपी मोड पर होगा निर्माण।
शासन से प्राप्त अनुमति के अनुसार पीपीपी मोड पर कन्वेशन सेंटर योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। आईडीए बोर्ड बैठक में काफी समय पहले प्रस्तावित कन्वेंशन सेंटर के प्रस्ताव की मंजूरी दे दी गई है।
इंदौर के लिए अहम सौगात होगी : अहिरवार
आईडीए सीईओ आरपी अहिरवार ने बताया कि 3 साल में प्रोजेक्ट पूरा करने की योजना है। कन्वेंशन सेंटर आईडीए का महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। चयनित कंसलटेंट द्वारा निविदा प्रपत्र तैयार किए जाने संबंधी कार्यवाही की जा रही है। इसी पखवाड़े टेंडर जारी होंगे। यह इंदौर के लिए अहम सौगात होगी।
तब हुई परेशानी से मिली है यह सौगात।
इस कंवेंशन सेंटर की सौगात भी तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के वक्त इंदौर में हुई ग्लोबल इंवेस्टर समिट आयोजन में आई परेशानी का नतीजा है। प्रधानमंत्री मोदी जिस दिन जीआईएस में संबोधित करने आए थे, उस दिन ब्रिलियंट कंवेशन सेंटर में ऐसी हायतोबा मची कि देश-विदेश से आए आमंत्रित मेहमान धक्कामुक्की के शिकार हुए, उन्हे बैठने तक की जगह नहीं मिल पाई। इस अव्यवस्था से नाराज शिवराज सिंह ने अधिकारियों की क्लास तो ली ही, उसी वक्त सर्वसुविधायुक्त 10 हजार की क्षमता वाला कंवेंशन सेंटर बनाने की घोषणा भी कर दी।शिवराज सिंह की इस घोषणा के बाद ही जिला प्रशासन ने जमीन की तलाश शुरु कर दी थी।
विदेशी मेहमानों की आवाजाही को देखते हुए एयरपोर्ट से नजदीक सुपर कॉरिडोर की स्कीम नंबर 172 की 17 हेक्टेयर जमीन को इस सेंटर के लिए उपयुक्त पाया गया। बोर्ड बैठक में इस जमीन पर कंवेंशन सेंटर निर्माण का प्रस्ताव पारित किया गया और अब पीपीपी मॉडल पर इसके निर्माण की मंजूरी हुई है।