शहरी विकास में आधुनिक तकनीक के उपयोग पर विशेषज्ञों ने रखे विचार

  
Last Updated:  July 12, 2025 " 01:06 am"

मध्यप्रदेश ग्रोथ कॉनक्लेव 2025

“शहरी उत्कृष्टता के लिए आधुनिक तकनीक” पर सत्र आयोजित।

इंदौर : ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर इंदौर में शुक्रवार को मध्यप्रदेश ग्रोथ कॉनक्लेव 2025 के तहत “शहरी उत्कृष्टता के लिए आधुनिक तकनीक” ( Integrating technology for urban excellence) विषय पर सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र में शहरी विकास में आधुनिक तकनीकों जैसे एआई, आईओटी , क्वांटम तकनीक के प्रयोग पर विस्तृत चर्चा की गई।

स्पेशल डायरेक्टर जनरल BISAG N विनय ठाकुर ने बताया कि भूमिका सत्र में शहरी क्षेत्र में उत्कृष्ट अवसंरचना के विकास के लिए आधुनिक तकनीक का एकीकरण कर नागरिकों के पक्ष में उनके उपयोग पर जोर दिया गया।इसके तहत परिवहन सुविधा , स्मार्ट पुलिसिंग, जिओ टैगिंग कर रेरा नियामकों की मॉनिटरिंग व एआई टूल के मैनेजमेंट के संबंध में बताया गया।

सत्र में आर के मिश्रा, मैनेजिंग डायरेक्टर , NICSI ने बताया कि आधुनिक तकनीक के समायोजन के लिए भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत NICSI के जरिए शहरी विकास के लिए विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं।

कमलाकन्नन थीरुवादी, रीजनल एग्जीक्यूटिव, दक्षिण एशिया बेंटली सिस्टम ने कहा कि देश के सबसे स्वच्छ शहर में ग्रोथ कॉनक्लेव का आयोजन होना सुखद है। उन्होंने कहा कि शहरी अवसंरचना में आधुनिक तकनीक के समायोजन में डिजिटल ट्विन जिसमें रियल टाइम में डेटा का उपयोग करके उसके व्यवहार के अनुकरण के आधार पर एनालिसस कर कार्ययोजना बनाई जाना आवश्यक है। इससे कई समस्याओं के समाधान के लिए उपलब्ध डाटा का प्रयोग करते हुए रियल टाइम एनालिसिस कर समग्र रूप से समाधान उपलब्ध कराया जाना चाहिए। मध्य प्रदेश में कई संगठन ऐसे है जो रियल टाइम डाटा का उपयोग कर प्रबंधक का कार्य कर रहे हैं जो भविष्य के लिए सहायक सिद्ध होंगे।

आशीष प्रधान , सीटीओ क्विक हिल ने बताया कि टेक्नोलॉजी के प्रयोग के साथ आवश्यक है कि भविष्य के संभावनाओं और साइबर सिक्योरिटी को ध्यान रखते हुए ऐसा मजबूत गवर्नेंस मॉडल विकसित किया जाए जिससे नागरिकों के डाटा एवं जानकारियों को सुरक्षित किया जा सके और साइबर युद्ध जैसी परिस्थितियों में भी सुरक्षित रूप से कार्य कर सकें।

शामिक जोशी , हेड AMNEX, द्वारा बताया गया कि शहरी विकास में कनेक्टिविटी सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है जिसमें इंटरनेट ऑफ थिंग्स के प्रयोग से यातायात की समस्याओं का समाधान कर नागरिकों के दैनिक जीवन को आसान बनाया जा सकता है। इसी के साथ प्रशासन के स्तर पर भी सुविधा उपलब्ध हो सकती है। उनके द्वारा मुंबई शहर में सीमलेस टिकटिंग और बेंगलुरु में द्रुत मॉडल के संबंध में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई।

डॉ. अभय किम्मटकर , मैनेजिंग डायरेक्टर cstechAI कहा कि शहरी क्षेत्र में सामान्य सुविधाओं के लिए अवसंरचनात्मक विकास में तकनीकों का समायोजन आवश्यक है। इसके लिए आवश्यक है कि आज से 50 वर्ष बाद के समय को ध्यान रखते हुए कार्ययोजना बनाई जाए और शहरी क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए कार्य किया जाए ।

प्रवीण दवे, सोल्यूशन आर्किटेक्ट, गूगल क्लाउड इंडिया,ने कहा कि शहरी विकास, नियोजन, सम्पत्ति मूल्यांकन आदि के लिए एकीकृत डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जाए जिससे डिजिटलीकरण में आसानी हो, त्वरित परिणाम प्राप्त हो, प्रशासन की क्षमतावर्धन हो और नागरिकों को सुविधा उपलब्ध हो सके। एकीकृत डिजिटल फ्रेमवर्क के विकास से त्वरित परिणाम प्राप्त होंगे और संभावित उद्देश्य की प्राप्ति हो सकेगी।

जीत नायर, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट PROTEAN ने कहा कि नागरिकों के डाटा शेयरिंग के लिए अनुमति आधारित डिजिटल स्ट्रक्चर बनाया जाए, जिससे नागरिकों को भी जानकारी हो की वे अपना डाटा किसे शेयर कर रहे हैं। इसी के साथ विभिन्न एप्लिकेशन पर फीडबैक भी लिया जाए जिससे शहरी प्रशासन में पारदर्शिता एवं किसी समस्या पर एक्शन टेकिंग को आसान किया जा सके।

इसके अतिरिक्त सत्र में साइबर सिक्योरिटी को अधिक मजबूत बनाने के लिए क्वांटम टेक्नोलॉजी के उपयोग को बढ़ावा दिए जाने पर जोर दिया गया। सत्र में बताया गया कि क्वांटम टेक्नोलॉजी नेक्स्ट जनरेशन की तकनीक है जिसके लिए भारत सरकार द्वारा क्वांटम मिशन संचालित है । क्वांटम टेक्नोलॉजी के माध्यम से डिजिटल डाटा की सुरक्षा आसानी से की जा सकती है एवं मजबूत सिस्टम बनाया जा सकता है।

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