मेले के जरिए जनजातीय जीवन शैली और खानपान से रूबरू हो रहे इंदौर वासी
इंदौर : मेले, सभ्यता और संस्कृतियों के मेल मिलाप के प्रतीक तो होते ही हैं, साथ ही साथ ही जनमानस को भी उनसे जुड़ने का अवसर मिलता है। ये मेले ही हैं जो युगों से हमारी सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक एवं बहुविध चेतना के सशक्त संवाहक बने हुए हैं। इसी खासियत को लिए इंदौर में लाल बाग परिसर 11 से 19 फरवरी तक आयोजित जनजातीय महोत्सव, जनजातीय संस्कृति, सभ्यता, रहन -,सहन खानपान और स्वास्थ्य की बानगी पेश कर रहा है। नारायण और पढ़े