इंदौर : पत्रकार अंकुर जायसवाल पर हमले के मामले में आरोपी सतीश पंवार उर्फ सतीश भाऊ को जमानत मिल गई है। सतीश भाऊ ने योजनाबद्ध ढंग से कोर्ट में सरेंडर किया था। कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया था।
बाद में सतीश भाऊ की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता योगेश हेमनानी ने कोर्ट में जमानती आवेदन लगाया, जिसमें सतीश पंवार उर्फ सतीश भाऊ को झूठे आरोप में फंसाने की दलील दी गई। इसी बात पर कोर्ट में बहस हुई और सतीश भाऊ को जमानत मिल गई।
बता दें कि एमआर-10 गार्डन में एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकार अंकुर जायसवाल निवासी बजरंग नगर पर सतीश भाऊ और उसके साथियों, अर्पित उर्फ शिब्बू कमल जादौन निवासी स्कीम नंबर 78, गब्बर चिकना, अमित जादौन और आशीष जादौन ने जानलेवा हमला कर दिया था।बाणगंगा पुलिस ने इन सभी आरोपियों पर जानलेवा हमले की गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया था। पुलिस ने घटना के तीन दिन बाद कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन सतीश भाऊ तभी से फरार चल रहा था। बाद में उसने कोर्ट में सरेंडर किया था हालांकि पुलिस ने उसे बायपास से गिरफ्तार करना बताया था।सतीश भाऊ पर धारा 307 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था, जिस पर कोर्ट में बहस हुई। इसमें सतीश भाऊ के अधिवक्ता योगेश हेमनानी ने अपत्ति ली और कोर्ट में तर्क रखा कि अंकुर जायसवाल को सामान्य चोंटे आई हैं, जिस पर धारा 307 के तहत प्रकरण दर्ज नहीं किया जा सकता है। 307 धारा केवल प्राणघातक मारपीट में लगाई जा सकती है, जबकि मेडिकल में प्राणघातक मारपीट जैसी कोई पुष्टि नहीं हुई है। इन्ही तर्को और बहस से सहमत होकर कोर्ट ने सतीश भाऊ को जमानत दे दी।