इंदौर : हिन्दू वैदिक धर्मावलम्बी सभी का भला चाहते हैं। हमने कभी भी किसी पर आगे हो कर आक्रमण नहीं किया। लेकिन अतीत में हम पर विदेशी आक्रांताओं ने बर्बरता पूर्वक आक्रमण कर हमारी शिक्षा और संस्कृति को ध्वस्त करने का प्रयास किया। अब समय है कि हम अपनी अस्मिता और संस्कृति की रक्षा करें। अतीत की घटनाओं से सबक लेकर हमें अपने वर्तमान और भविष्य को सुरक्षित करने की जरूरत है। ये विचार वेदमूर्ति धनंजय शास्त्री वैद्य ने व्यक्त किये। वे नाथ मंदिर में आयोजित भागवत ज्ञान सप्ताह में श्रीमद भागवत के विभिन्न प्रसंगों की व्याख्या करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने जीवन के चार पुरुषार्थों की भी सुंदर व्याख्या की।
कथा प्रारम्भ होने के पूर्व नासिक से आई माधवनाथ मन्दिर की व्यवस्थापक माई जोशी, जयश्री कुलकर्णी और उत्सव प्रमुख मनीष ओक ने शास्त्रीजी का स्वागत किया। शास्त्रीजी प्रतिदिन नाथ मंदिर में शाम 5 से रात 8 बजे तक भागवत कथा के भावार्थ से लोगों को अवगत करा रहे हैं। भागवत कथा सप्ताह का आज (सोमवार) को अंतिम दिन है। मंगलवार 12 नवम्बर को सुबह सत्यनारायण कथा, हवन और महाप्रसादी के साथ भागवत कथा सप्ताह का विधिवत समापन होगा।
अतीत की घटनाओं से सबक लेकर अपना भविष्य करें सुरक्षित- शास्त्रीजी
Last Updated: November 11, 2019 " 07:46 am"
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