अरसे बाद जमीं हिंदी कविताओं की महफ़िल, स्वर्णाक्षर सम्मान से नवाजे गए कवि हेमंत श्रीमाल

  
Last Updated:  October 24, 2021 " 09:16 pm"

इंदौर : मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा आयोजित व यूनिवर्सल इंफ्राटेक द्वारा प्रायोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन ‘अनुष्ठान’ स्थानीय प्रीतमलाल दुआ सभागृह में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में पुलिस महानिरीक्षक हरिनारायण चारी मिश्र कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। साहित्य अकादमी, म.प्र. शासन के निदेशक डॉ. विकास दवे ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। अन्तर्राष्ट्रीय चित्रकार एवं कवि बाबा सत्यनारायण मौर्य, दैनिक प्रजातंत्र के प्रधान संपादक हेमंत शर्मा, मधुर जायसवाल, धनराज माहेश्वरी विशिष्ट अतिथि के बतौर उपस्थित रहे। अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ काव्य अनुष्ठान का शुभारंभ हुआ। इसके बाद कवि हेमंत श्रीमाल को ‘स्वर्णाक्षर सम्मान’ से विभूषित किया गया।

प्राचीन साहित्य को नई पीढ़ी तक पहुंचाना जरूरी।

पुलिस महानिरीक्षक हरिनारायणचारी मिश्र ने इस मौके पर कहा कि ‘शहर में रचनाओं और कविता का अलग माहौल है, इसकी गूँज देश भर में हो रही है। प्राचीन साहित्य को नई पीढ़ी तक लाना ज़रूरी है, वहीं हिंदी को रोज़गार से जोड़ा जाना जरूरी है।

कविता साहित्य मन्दिर की मां है।

साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे ने कहा कि ‘कविता चौराहे की नहीं बल्कि साहित्य मंदिर की माँ है, अनुष्ठान इसी तरह की कविता का मूर्त स्वरूप है।’

अंतर्राष्ट्रीय कलाकार बाबा सत्यनारायण मौर्य ने कहा कि ‘साहित्य में अवसरों की आवश्यकता है, देश की संस्कृति को साहित्य में बढ़ावा देने की ज़रूरत है।’

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में कवि सम्मेलन का आरंभ मां शारदा की वंदना से हुआ, जिसे कवयित्री श्रद्धा पोफली ने किया। काव्य उत्सव में ब्यावरा से राहुल कुम्भकार ने प्रेम और पूजन की कविताएँ पढ़ीं, उन्होंने सुनाया कि यहाँ बारिश के मौसम में बेले सूख जाती हैं, ज़रूरत से ज़्यादा ज्ञान मत दो अपने बच्चों को, ज़्यादा खाद-पानी से फसलें सूख जाती हैं।
इनके बाद जबलपुर से पधारे कवि एवं मातृभाषा उन्नयन संस्थान के प्रदेश अध्यक्ष अमित मौलिक ने माँ हिन्दी की वंदना करते हुए सुनाया कि ‘यह हिमालय-सा ऋण कभी हम चुका न पाएँगे,। उन्होंने बेटियों के सम्मान में कविता पढ़ी।
काव्य पाठ में नागपुर से आई श्रद्धा पोफली ने वीर रस की कविताएँ सुनाईं। कवि सम्मेलन के संयोजक इंदौर के कवि गौरव साक्षी ने मुक्तकों और कविता से युवाओं को जोड़ा। उन्होंने सुनाया कि ‘कहने को चार धाम हैं भारत में, पाँचवा धाम है अयोध्या में।’
हास्य की महफ़िल सजाते हुए राउ के कवि व देश के धुरंधर हास्य कवि अतुल ज्वाला ने माहौल में हँसी के फ़व्वारे बरसाकर लोगों को हास्य रस में भिगो दिया।
इसके बाद दिल्ली के कवि अमित शर्मा ने महाभारत का दृश्य अपनी कविता में बनाया। उन्होंने सुनाया कि ‘एक विधान, एक परिधान और एक संविधान होगा, लाल चौक की छाया में राष्ट्रगान होगा।’
अंत में शिखर कलश उज्जैन के वरिष्ठ कवि हेमन्त श्रीमाल ने रखते हुए चंबल की बेटी कविता सुनाई। उन्होंने पढ़ा कि ‘कितनी बड़ी थी भूल हाय मैंने क्या किया, थाने में घुस कर ख़ुद को सुरक्षित समझ लिया।’

अनुष्ठान का प्रारंभिक संचालन अंशुल व्यास ने व कवि सम्मेलन का संचालन कवि अमित शर्मा ने किया। कवि सम्मेलन के उपरांत सभी हिन्दी योद्धाओं का सम्मान किया गया। आभार मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने माना।
अनुष्ठान में बतौर सहयोगी खुलासा फ़र्स्ट, ओजल फ़ार्मा, वुमंस प्रेस क्लब व इन्दौर टॉक भी जुड़े। अनुष्ठान की आयोजन समिति में डॉ. नीना जोशी, शिखा जैन, शीतल रॉय, भावना शर्मा, नितेश गुप्ता, रमेश चंद्र शर्मा, विनीत शुक्ला, रोहित त्रिवेदी, शिव मालवीय, हरजेश दवे, अंशुल व्यास, लव कुमार यादव, अमित अभ्यंकर, जलज व्यास, विघ्नेश दवे, ऋषभ कटारिया, हिमांशु भावसार आदि का सहयोग रहा।

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