असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को दी गई शासन की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी

  
Last Updated:  October 5, 2021 " 09:38 am"

इंदौर : ‘पेन इण्डिया जागरूकता एवं पहुॅंच कार्यक्रम’’ के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण इन्दौर द्वारा खजराना श्रमिक चौक पर नगर निगम एवं श्रम विभाग के सहयोग से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण इन्दौर के सचिव मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, इन्दौर डी.के.पालीवाल के मार्गदर्शन में नगर पालिका निगम इंदौर एवं श्रम विभाग इंदौर के सहयोग से खजराना श्रमिक चौक पर आसपास के गॉंव-कस्बों से काम की तलाश में एकत्रित हुए असंगठित श्रमिकों एवं निर्माण श्रमिकों को श्रमिकों के लिए बनायी गई शासन की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी गई। उन्हें श्रम विभाग एवं नगर निगम में अपना पंजीयन कराने हेतु प्रेरित किया गया। श्रमिकों को पंजीकृत होने पर आश्रित या श्रमिक की मृत्यु की दशा में अंत्येष्टि हेतु 5,000/- रूपए, इसी प्रकार पंजीकृत असंगठित श्रमिक की मृत्यु होने की दशा में 2 लाख रूपए की क्षतिपूर्ति तथा असंगठित श्रमिक की दुर्घटना में मृत्यु होने की दशा में 4, लाख रूपए, स्थाई अपंगता की दशा में 2, लाख रूपए, ऑंशिक अपंगता की दशा में 1लाख रूपए की अनुग्रह राशि, व्यवसाय की उन्नति हेतु अधिकतम 5,000/- रूपये तक का अनुदान, गर्भावस्था एवं प्रसव पूर्व जॉंच में 4,000/-रूपये तथा शासकीय चिकित्सालय में प्रसव होने पर 12,000/-रूपए की सहायता संबंधी प्रावधानों की जानकारी दी गई। पंजीकृत असंगठित श्रमिक या मजदूर के शहर में नगर पालिका में पंजीकृत होने की दशा में नगर पालिका निगम कार्यालय से और जनपद पंचायत कार्यालय में पंजीकृत होने की दशा में जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी के कार्यालय से उपरोक्त अनुसार अनुदान राशि प्राप्त करने हेतु आवेदन कर सकते हैं। पंजीकृत असंगठित श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों को बीमारी की दशा में राज्य बीमारी सहायता योजना के अंतर्गत 2 लाख रूपए तक के निःशुल्क इलाज की पात्रता, पंजीकृत असंगठित श्रमिकों के बच्चों की इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कॉलेज की शिक्षा का पूर्ण खर्च वहन किया जाना, इसी प्रकार राज्य सरकार की शासकीय एवं अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों में देय शैक्षाणिक शुल्क का भुगतान संबंधी कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी गई। इसीतरह उन्हें न्यायालयों में मुकदमें बाजी की दशा में निःशुल्क विधिक सहायता की पात्रता बताते हुए उसके संबंध में एवं घरेलू हिंसा, नशे के दुष्परिणामों आदि विषयों की भी जानकारी दी गई और श्रमिकों की जिज्ञासा को शांत किया गया।

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