भोपाल। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्य प्रदेश द्वारा अपनाई जा रही अप्रेजल पॉलिसी को समाप्त करने की मांग को लेकर प्रदेश के करीब 19 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी भोपाल में आंदोलन कर रहे हैं। सेकेंड स्टॉप स्थित अंबेडकर मैदान में आंदोलन कर रहे कर्मचारियों ने सरकार पर अनदेखी का आरोपी लगाया है। *इन नीतियों के कारण संकट में है संविदा कर्मचारी* संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ मध्यप्रदेश के अध्यक्ष सौरभ सिंह चौहान ने कहा कि वर्तमान समय में स्वास्थ्य विभाग द्वारा अपनाई जा रही दमनकारी नीतियों, अप्रेजल व पद समाप्ति के कारण संविदा कर्मचारियों और उनके परिवार पर भरण-पोषण का संकट उत्पन्न हो गया है। अप्रेजल प्रक्रिया के नाम पर संविदा कर्मचारियों से पैसों की मांग, भ्रष्टाचार एवं महिलाओं का यौन शोषण किया जाता है। जब संविदा कर्मचारी इन मांगों का विरोध करते हैं, तो उन्हें अकारण ही नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाता है। *विभाग ने खत्म किए 17 पद* चौहान ने कहा कि, प्रथम नियुक्ति के दौरान चयन स्तर पर जब लिखित, प्रायोगित, स्किल टेस्ट जैसी परीक्षा ली जा चुकी है, तो प्रतिवर्ष अप्रेजल का कोई औचित्य नहीं है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 17 पद समाप्ति के नाम पर करीब 850 संविदा कर्मचारियों एवं अप्रेजल में करीब 250 कर्मचारियों, 15 जिलों में 122 सपोर्ट स्टॉफ एवं हड़ताल के कारण रीवा जिला कॉल सेंटर के चार डाटा एंट्री ऑपरेटरों को सेवा से निष्कासित कर दिया गया। *19 हजार कर्मचारी कर रहे हैं आंदोलन* आंदोलनकारियों का कहना है कि विभाग द्वारा अपनाई गई समायोजन प्रक्रिया के बावजूद तथा न्यायालय से स्थगन के बाद भी हजारों कर्मचारी अभी भी सेवा से पुन: वापस नहीं लिए गए हैं। चौहान का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई अप्रेजल एवं 17 पद समाप्ति के नाम पर सात से दस वर्षों से कार्यरत संविदा कर्मचारियों की सेवा समाप्ति की कार्रवाई करवाने एवं अप्रेजल निरस्त कराने के समर्थन में 19 हजार संविदा कर्मचारी आंदोलन पर उतर आए हैं।
आंदोलन पर उतरे हजारों संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी, सरकार की नीतियों से हैं नाराज
Last Updated: January 25, 2017 " 09:42 am"
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