इंदौर : राजस्थान के दौसा में अर्चना शर्मा नामक डॉक्टर द्वारा खुदकुशी किए जाने को लेकर देशभर में चिकित्सक बिरादरी में उपजे आक्रोश को देखते हुए राजस्थान सरकार ने दौसा एसपी को हटाने के साथ सम्बन्धित थाना प्रभारी को भी निलंबित कर दिया है। यही नहीं एफआईआर से धारा 302 भी हटा दी गई है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की इंदौर शाखा के अध्यक्ष डॉ. सुमित शुक्ला, सचिव डॉ. मनीष माहेश्वरी और पूर्व पदाधिकारी डॉ. संजय लोंढे ने भी दौसा में डॉ. अर्चना शर्मा की खुदकुशी के लिए स्थानीय पुलिस व जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया था। हालांकि राजस्थान सरकार द्वारा इस मामले में की गई कार्रवाई पर आईएमए ने सन्तोष जताया है पर उंसका कहना है कि यह तात्कालिक कार्रवाई है। इस तरह की घटनाएं दुबारा न हो, इसका स्थाई समाधान खोजना जरूरी है।
केंद्रीय स्तर पर बनें डॉक्टर्स प्रोटेक्शन एक्ट।
आईएमए ने मांग की है कि डॉक्टरों की सुरक्षा और उन्हें आपराधिक कानूनों से संरक्षण प्रदान करने के लिए केंद्रीय स्तर पर कानून बनाया जाना चाहिए ताकि फिर किसी डॉक्टर को इसतरह का कदम उठाने के लिए मजबूर न होना पड़े।आईएमए ने उक्त कानून को डॉ. अर्चना शर्मा का नाम देने की भी मांग की है।