अवश्य करें मतदान
(राजकुमार जैन )प्रत्येक पाँच वर्ष के अंतराल पर मतदान के माध्यम से हम अपने राज्य की सरकार का चुनाव करते हैं। कोई भी नागरिक जिसकी उम्र 18 वर्ष या इससे ज्यादा हो, उसे मतदान करने का अधिकार है।
स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव एक अच्छे लोकतंत्र की स्थापना का आधार है। लोकतंत्र जिसमें लोग शासन करने के लिए अपना प्रतिनिधि चुनते हैं लेकिन मध्यप्रदेश जैसे विशाल एवं बड़ी आबादी वाले प्रदेश में चुनाव सकुशल संपन्न कराना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। चुनाव आयोग पर धन-बल तथा बाहु-बल से निपटने की भी ज़िम्मेदारी होती है।
‘लोकतंत्र’ शब्द का अंग्रेजी पर्याय ‘डेमोक्रेसी’ है जिसकी उत्पत्ति ग्रीक मूल शब्द ‘डेमोस’ से हुई है। डेमोस का अर्थ होता है- ‘जन साधारण’ और इस शब्द में ‘क्रेसी’ शब्द जोड़ा गया है जिसका अर्थ ‘शासन’ होता है। ‘लोकतंत्र’ का अर्थ है, एक ऐसी शासन पद्धति जिसमें स्वतंत्रता, समता और बंधुता, समाज-जीवन के मूल सिद्धांत होते हैं।
‘मतदान’ अर्थात अपने ‘विचार का दान’। दान लालच के भाव से या किसी आशा से नहीं किया जाता। ‘भारत का लोकतंत्र सुदृढ़ हो’ यह भाव अवश्य ही मतदाता के मन में बना रहना चाहिए। भ्रष्ट साधन न अपनाएं। लालच में न आए। निर्भीक और निडर भाव से वोट डालें। वोट बहुत मूल्यवान वस्तु है और उसके बदले में मतदाता ने कुछ ले लिया तो समझो उसने लोकतंत्र का गला दबा दिया। एक-एक वोट से सरकार बनती और गिर जाती है। वोट का महत्व समझ कर ही वोट डालें और अवश्य डालें।
आपका एक वोट अगले पांच साल की सरकार बनाता है। यानी कुछ क्षणों में लिए गए फ़ैसले का असर हम अगले पांच साल तक देखते हैं। देखा गया है कि अक्सर हम जो चुनाव करते हैं, वो तर्कों से परे होते हैं। हम जज़्बाती होकर फैसला करते हैं। लेकिन आप को बिना जज़्बाती हुए, सही उम्मीदवार का चुनाव करना चाहिए। अपना वोट स्वतंत्र मन से डालें।
देश हित में, लोकतन्त्र के हित में, समाज के हित में, अपने परिवार और स्वयं के हित में मतदान एक अति महत्वपूर्ण और आवश्यक ज़िम्मेदारी है। चुनाव वाले दिन मतदान केंद्र तक जाकर अपना मत डालने की इस महती ज़िम्मेदारी का निर्वहन आप सभी को करना ही को चाहिए।
वोट डालना इसलिए भी जरूरी है कि इस वोट के द्वारा अपनी सरकार चुनने के अधिकार को पाने की खातिर हमारे पुरखों ने आजादी के संघर्ष मे अपना खून बहाया था।
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार और विचारक हैं।)