इंदौर : कोरोना टीकाकरण अभियान के तहत इंदौर में सबसे पहले वैक्सीन लगवाने वाली जिला अस्पताल की महिला कर्मचारी आशा पंवार का पूरा परिवार उनके साथ था।
बेटे, बेटी, दामाद और नाती, नातिन भी इस पल के साक्षी बनने एम वाय अस्पताल पहुंचे थे। बेटे- बेटियों का कहना था कि उनके लिए यह गर्व का पल है। उनकी मां ने सबसे पहले टीका लगवाकर लोगों को प्रेरित किया है कि वे टीकाकरण के लिए आगे आए।
टीका लगवाने को लेकर कोई भय नहीं था।
टीका लगवाने के आधे घंटे बाद टीकाकरण केंद्र से बाहर आई आशा पंवार ने मीडियाकर्मियों से कहा कि कोरोना काल में संक्रमित मरीजों की सेवा में उन्हें कभी डर नहीं लगा। जब वैक्सीन लगवाने की बारी आई तब भी उन्होंने स्वीकृति देने में एक पल की भी देरी नहीं की। आशा पंवार ने कहा कि सबसे पहले टीका लगवाने के मौके को वे गंवाना नहीं चाहती थीं।
टीकाकरण के बाद नहीं हुई कोई परेशानी।
आशाजी ने कहा कि टीका लगवाने के बाद उन्हें आधे घंटे तक डॉक्टरों ने निगरानी में रखा। इस दौरान किसी तरह की कोई समस्या नहीं आई। वे बिल्कुल ठीक हैं। उन्होंने कहा कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। हैल्थवर्कर्स हों या आम लोग, किसी को भी वैक्सीन लगवाने से घबराना नहीं चाहिए।