इंदौर : देश और दुनिया के विभिन्न हिस्सों के साथ रविवार को इंदौर में भी खंडग्रास सूर्यग्रहण का मनोहारी नजारा दिखाई दिया। पहले आशंका जताई जा रही थी कि बादलों के कारण सूर्यग्रहण नहीं देखा जा सकेगा लेकिन सुबह बादलों के छटने से ये आशंका खत्म हो गई। अंतरिक्ष विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों ने पहले से ही सूर्यग्रहण को देखने की तैयारी कर रखी थी। खुली आँखों से सूर्यग्रहण देखना हानिकारक सिद्ध होता है, इसलिए वो तमाम साधन जुटाए गए थे जिनसे सूर्य पर पड़ती काली छाया का नजारा देखा जा सके। सुबह 10 बजकर 1मिनट पर शुरू हुआ ये सूर्यग्रहण दोपहर 1 बजकर 43 मिनट पर समाप्त हुआ। देशभर में सूर्यग्रहण की छटा अलग- अलग दिखाई दी। कहीं आग के गोले जैसा, कहीं नारंगी तो कहीं हरे रंग की तो कहीं रक्तिम आभा लिए नजर आया।
रिंग ऑफ फायर का दिखा नजारा।
कई जगहों पर सूर्यग्रहण रिंग ऑफ फायर के स्वरूप में दिखाई दिया। कहीं चंद्रकोर का नजारा भी देखा गया।अधिकांश जगहों पर 80 से 95 फीसदी तक सूर्यग्रहण की स्थिति नजर आई। इंदौर में भी सूर्य के अधिकांश हिस्से को चंद्रमा की छाया ने ढंक लिया था।
सूतक के चलते मंदिरों के पट रहे बन्द।
कोरोना संक्रमण के कारण यूं तो मंदिर आम लोगों के लिए बंद हैं लेकिन पौराणिक मान्यता के अनुसार सूर्यग्रहण के सूतक के चलते शनिवार रात को ही मन्दिर में पूजा पाठ बन्द कर गर्भगृह में पर्दे लगा दिए गए थे। रविवार को ग्रहण छूटने के बाद सूतक खत्म हुआ। इसपर मन्दिर के पुजारियों ने गर्भगृह और मन्दिर का शुद्धिकरण किया और पूजा पाठ की। इधर ग्रहण के चलते सड़कों पर भी सन्नाटा छाया रहा। ज्यादातर लोग घरों में ही रहे।