इंदौर में शुरू हुआ प्लाज्मा डोनेशन अभियान, 4 लोगों ने डोनेट किया प्लाज्मा

  
Last Updated:  May 1, 2021 " 01:06 pm"

इंदौर : शुक्रवार से प्लाज़्मा डोनेशन का बड़ा अभियान इंदौर में प्रारंभ हो गया है। एमजीएम मेडिकल कॉलेज में कई डोनर पहुँचे। इनमें से कुछ ने प्लाज़्मा डोनेट किया और कुछ ने जानकारी प्राप्त कर अपना संपर्क नंबर दिया जिससे वे भविष्य में यहाँ आकर प्लाज़्मा दे सकें। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट भी इस अवसर पर मेडिकल कॉलेज पहुँचे । उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए यह अभियान महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। उन्होंने प्लाज़्मा डोनेट करने आए युवाओं को इस कार्य के लिए साधुवाद दिया और प्रमाण पत्र भी प्रदान किए । इस अवसर पर संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा और डीन मेडिकल कॉलेज डॉ. संजय दीक्षित भी उपस्थित थे। संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने कहा प्लाज़्मा डोनेशन के लिए प्रशासन सभी संभावित डोनर से संपर्क करेगा और उनकी एंटीबॉडी की जाँच करेगा। सुरक्षित वातावरण में यहाँ लाकर प्लाज़्मा प्राप्त करने की प्रक्रिया की जाएगी।
इस अवसर पर डीन मेडिकल कॉलेज डॉ. संजय दीक्षित ने बताया कि प्लाज्मा जो गंभीर रूप से बीमार या मोटरेट बीमार हैं उनको ही दिया जाता है, जिससे उनको रेडीमेड एंटीबॉडी वायरस से लड़ने की ताकत मिल सके। पूर्व में भी यह प्लाज्‍मा थैरेपी हम लोगों ने यूज की थी । वैसे तो दो-तीन प्लाज्मा डोनेशन पिछले डेढ़- दो महीने से लगातार हो रहे हैं, लेकिन अब संख्या बढ़ गई है। प्रभारी डॉक्टर अशोक यादव ने बताया कि शुक्रवार को बुलाए गए आठ में से चार डोनर ने प्लाज़्मा दिया। जिनसे कुल छह यूनिट प्लाज़्मा प्राप्त हुआ है साथ ही 10 डोनर की स्क्रीनिंग कर एंटीबॉडी की जाँच भी की गई है। हमने अस्पताल से जो पॉजिटिव मरीज डिस्चार्ज हुए हैं, उनके नंबर ले लिए हैं। उनसे फिर काउंसलिंग करके उनका एंटीबॉडी टाइटल पता किया जाएगा। अगर एंटीबॉडी टाइटल उनका इस लेवल का होगा की उनसे डोनेशन दिया जाए तो लिया जाएगा।
संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने बताया कि इसमें डरने की कोई बात नहीं है प्लाज्मा डोनेशन, जैसे ब्लड डोनेशन करते हैं वैसे ही होता है। ढाई सौ से 300 मिलीलीटर खून लिया जाता है और उस खून से फिर प्लाज्मा सेपरेट किया जाता है और वो सेपरेटेड प्लाज्मा, जिस मरीज को आवश्यकता है उनको दिया जा सकता है। उन्होंने कहा जो कोरोना पॉजिटिव होकर अपनी इच्छाशक्ति और इम्यूनिटी से ठीक हुए हैं, उनके पास अगर एंटीबॉडीज है तो वे प्लाज्मा देकर दूसरों की जान बचा सकते हैं। इसमें हिचक की कोई बात नहीं है। जैसे ब्लड डोनेशन देते हैं वैसे ही सामान्य प्रक्रिया है, दो से तीन घंटे में पूरी हो जाती है।

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