इंदौर से चुनाव लड़कर दिखाए सज्जन वर्मा, आकाश ने दी चुनौती

  
Last Updated:  November 6, 2019 " 05:50 pm"

इंदौर : कमलनाथ सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और कैलाश विजयवर्गीय व विधायक आकाश विजयवर्गीय के बीच जुबानी जंग अब सियासी मर्यादा लांघकर व्यक्तिगत छींटाकशी तक पहुंच गई है। एक- दूसरे को नीचा दिखाने की होड़ में निचले स्तर के शब्दों का इस्तेमाल होने लगा है। मंत्री सज्जनसिंह वर्मा के मंगलवार को दिए गए बयान पर कैलाशजी ने तो खास कुछ नहीं कहा पर विधायक आकाश विजयवर्गीय के तेवर बेहद आक्रामक नजर आए। मंत्री सज्जन वर्मा पर उन्होंने जमकर जवाबी हमला बोला।

इंदौर से चुनाव लड़कर दिखाए सज्जनसिंह वर्मा।

आकाश विजयवर्गीय ने बयान जारी कर मंत्री सज्जनसिंह को सीधी चुनौती दी। उन्होंने कहा कि सज्जन सिंह वर्मा में दम हो तो वे इंदौर से चुनाव लड़कर दिखाए। उन्हें उनकी हैसियत पता चल जाएगी। आकाश ने कहा कि मंत्री श्री वर्मा और उनके खानदान ने उन्हें हराने के लिए एड़ी- चोटी का जोर लगा लिया था, फिर भी वे उन्हें हरा नहीं पाए।

ठप हो गए हैं विकास कार्य।

आकाश विजयवर्गीय ने कमलनाथ सरकार और पीडब्ल्यूडी मंत्री पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि शहर और प्रदेश में सभी विकास कार्य ठप हो गए हैं। ठेकेदारों को दिवाली पर भी भुगतान नहीं मिलने से उन्होंने काम करना बंद कर दिया है। मंत्रीजी को इस बात पर शर्म आनी चाहिए।

किसानों का आक्रोश और पीड़ा व्यक्त की थी।

आकाश ने मंत्री सज्जन वर्मा के बयान पर जवाबी हमला बोलते हुए कहा कि कलेक्टर कार्यालय पर किया गया आंदोलन सत्ता जाने की कसक नहीं, वरन किसानों का आक्रोश व पीड़ा थी जिसे हमने आवाज दी। अतिवृष्टि के कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो गई पर आपकी सरकार ने उन्हें एक रुपए का भी मुआवजा नहीं दिया। इसे लेकर किसान बेहद आक्रोशित हैं। उसी आक्रोश का परिणाम वह आंदोलन था।

कैलाशजी ने रखी इंदौर में बुनियादी संरचना की आधारशिला।

आकाश विजयवर्गीय ने बेहद आक्रामक तेवरों के साथ कहा कि मंत्री सज्जन सिंह वर्मा उनके पिता कैलाश विजयवर्गीय के बारे में उल्टा- सीधा बोलते रहते हैं। जबकि वे कैलाशजी के पैरों की धूल बराबर भी नहीं हैं। कैलाशजी ने ही महापौर रहते इंदौर के विकास की आधारशिला रखी थीं। शहर में सड़कों का जाल उन्हीं के कार्यकाल में बिछाया गया। आईटी मंत्री रहते कैलाशजी इंफोसिस और टीसीएस जैसी कंपनियां इंदौर लेकर आए जिनमें हजारों युवाओं को रोजगार मिला। पीडब्ल्यूडी मंत्री रहते उन्होंने mprdc का गठन किया जिसके जरिये समूचे प्रदेश में सड़कों का निर्माण किया गया।

कैलाशजी ने प्रतिक्रिया देने से किया था इनकार।

मंत्री सज्जनसिंह वर्मा के बयान पर कैलाश विजयवर्गीय से प्रतिक्रिया चाही गई थी पर उन्होंने ये कहकर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया था कि जिन मंत्रियों की कोई हैसियत नहीं उनके बयानों पर वे टिप्पणी नहीं करते।

सज्जन वर्मा ने कैलाशजी को बताया था जालसाज।

दरअसल कैलाशजी ने वादाखिलाफी को लेकर कमलनाथ सरकार को 420 की सरकार बताया था। उसके जवाब में पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने पलटवार करते हुए कैलाश विजयवर्गीय को सबसे बड़ा जालसाज बताया था। उन्होंने विधायक आकाश विजयवर्गीय को भी उनके ‘हम खाली हाथ नहीं रहते’ वाले बयान को लेकर निशाने पर लिया था। सज्जन वर्मा ने कहा था कि वे खाली हाथ नहीं रहते तो सरकार के पास भी उन्हें पहनाने के लिए लोहे की मोटी जंजीरें हैं। श्री वर्मा ने विजयवर्गीय पिता- पुत्र की हैसियत को भी अदनी सी बताया था।

बहरहाल, राजनीतिक आरोप- प्रत्यारोप से आगे बढ़कर निजी लड़ाई में तब्दील होती ये जुबानी जंग कहाँ जाकर थमेगी, कहा नहीं जा सकता।

Facebook Comments

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *