इंदौर: मप्र में सरकारी संसाधनों की लूट मची है। ई- टेंडरिग के नाम पर दिए गए ठेकों में 50 हज़ार करोड़ का घोटाला हुआ है। इसमें सीएम शिवराज और सीएस बीपी सिंह की भूमिका संदिग्ध है। ये बात कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कही। वे मंगलवार को इंदौर प्रेस क्लब के अपनी बात कार्यक्रम में अपनी बात रख रहे थे। उन्होंने कहा कि ई- टेंडरिग का सॉफ्टवेयर अंतारस सिस्टम्स लिमिटेड ने बनाया था। उसमें ये व्यवस्था की गई थी कि ई- टेंडर में कोई छेड़छाड़ की जाती है तो उसमें एरर अलर्ट आ जायेगा। अंतारस ने 11 अप्रैल और 5 मई 2017 को ये शिकायत की थी कि जल निगम के टेंडरों में निर्धारित समय के बाद टेंडर की राशि में हेर- फेर कर उसे सबसे कम राशि में बदला गया। इसमें तत्कालीन महाप्रबंधक जल निगम और जिला व्यवसाय व उद्योग केंद्र की आइडी का इस्तेमाल किया गया।
सुरजेवाला ने कहा कि इस घोटाले की शिकायत तत्कालीन प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने मुख्य सचिव बीपी सिंह से की लेकिन बजाय इसपर कार्रवाई करने के मनीष रस्तोगी का ही तबादला कर दिया गया। जिन कंपनियों के नाम टेंडर छेड़छाड़ में उजागर हुए थे उन्हें ठेके भी दे दिए गए। सुरजेवाला का कहना था कि ई-टेंडरिंग घोटाले की जांच न करवाते हुए मुख्य सचिव के कार्यकाल को 6 महीने के लिए बढ़ा देना सीएम शिवराज भूमिका को भी संदेहास्पद बना देता है।उनका कहना था कि ई- टेंडर घोटाले में जब्त कंप्यूटर की हार्डडिस्क की भी आज तक जांच नहीं कि गई है।
सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही जन आयोग बनाकर ई- टेंडर घोटाले की जांच की जाएगी और दोषियों को जेल भेजा जाएगा। सुरजेवाला ने राफेल, व्यापम और अन्य मुद्दों से जुड़े सवालों के भी जवाब दिए। कांग्रेस की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी भी इस दौरान मौजूद रही।
प्रेस क्लब की ओर से अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने अतिथियों का स्वागत किया। आभार महासचिव नवनीत शुक्ला ने माना।
ई- टेंडरिग घोटाले में सीएम और सीएस की भूमिका संदिग्ध- सुरजेवाला
Last Updated: November 14, 2018 " 10:45 am"
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