एक ट्रस्ट द्वारा दूसरे ट्रस्ट को दिए दान के 15 फीसदी हिस्से पर लगेगा टैक्स

  
Last Updated:  May 13, 2023 " 11:28 pm"

इंदौर : ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन, इंदौर सीए शाखा और टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन इंदौर के सयुंक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय “नेशनल टैक्स कांफ्रेंस” का आगाज शनिवार को सीए भवन में हुआ।इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल के न्यायिक सदस्य विजय पाल राव ने उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।

उद्घाटन के बाद हुए प्रथम सत्र में नई दिल्ली से पधारे डॉक्टर सीए गिरीश आहुजा, जिन्हे टैक्स गुरु के नाम से भी जाना जाता है; ने टैक्सेशन ऑफ़ चैरिटेबल एंड रिलीजियस ट्रस्ट, सोसाइटी एंड एनजीओ विषय पर अपना मार्गदर्शन देते हुए कहा कि ट्रस्ट सोसाइटीज का रजिस्ट्रेशन पहले बहुत आसान था लेकिन अब पूरी प्रोसेस बहुत कॉम्प्लिकेटेड हो गई है। जिस ट्रस्ट ने अपनी एक्टिविटी प्रारंभ कर दी है उन्हें अब सीधे परमानेंट रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई करना होगा।पहले उन्हें टेंपरेरी रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लॉई करना होता था। उन्होंने कहा कि एक ट्रस्ट ने दूसरे ट्रस्ट को कोई दान दिया है तो ऐसे दान का सिर्फ़ 85% ही डिडक्टिबल होगा अर्थात् 15% भाग पर ट्रस्ट को टैक्स देना होगा। अतः उक्त प्रावधान के कारण एक ट्रस्ट दूसरे ट्रस्ट को दान देने से बचेंगे।
ट्रस्ट को जो भी दान मिला है, पूरे वित्त वर्ष में प्राप्त दान का दानदाता की डिटेल के साथ रिटर्न फॉर्म 10BD में ऑनलाइन 31 मई के पहले पहले दाखिल करना होगा।इसके बाद डोनर को फॉर्म 10BE में सर्टिफिकेट इशू करना होगा। अन्यथा डोनर को दान के विरुद्ध आयकर में छूट नहीं मिलेगी।

प्रधान आयकर आयुक्त एसबी प्रसाद ने कहा कि चार्टर्ड एकाउंटेंट्स राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की सीए सदस्यों से काफ़ी उम्मीदें हैं। सफल कराधान में पूरे सीए समुदाय की महती भूमिका है।

मुंबई के एडवोकेट एवं सीए भारत रायचंदानी ने जीएसटी अरेस्ट, रिकवरी एवं प्रॉसिक्यूशन विषय पर अपना विषय रखते हुए कहा कि जीएसटी आने के बाद विभाग ने कई गिरफ़्तारियाँ की लेकिन इसके पीछे प्रॉपर कंप्लेंट ही नहीं थी, जबकि क़ानून का बैसिक सिद्धांत है की बग़ैर एफआईआर के गिरफ़्तारी नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि गिरफ़्तारी सिर्फ़ अपवाद स्वरूप की जाना चाहिए क्योंकि एक्ट में कहीं नहीं लिखा कि टैक्स रिकवरी के लिए गिरफ़्तारी की जा सकती है।

बेंगलुरु के सीए नवीन खारीवाल ने इनकम टैक्स के रियल एस्टेट प्रावधानों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भूस्वामी और डेवलपर के बीच होने वाला जॉइंट डेवलपमेंट एग्रीमेंट हमेशा रजिस्टर्ड होना चाहिए। अनरजिस्टर्ड एग्रीमेंट से दोनों पक्षों के किसी भी अधिकारों का संरक्षण नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि जब कंप्लिशन सर्टिफिकेट प्राप्त होता है तभी टैक्स लायबीलिटी आएगी, जॉइंट डेवलपमेंट एग्रीमेंट की डेट पर नहीं। इसके साथ ही कंप्लिशन सर्टिफिकेट की डेट तक कैपिटल गैन पर्पस से इंडेक्सेशन बेनिफिट प्राप्त होगा।

संचालन सीए आनंद जैन ने किया। अतिथि स्वागत कांफ्रेंस चेयरमैन सीनियर एडवोकेट सुमित नेमा, सेंट्रल काउंसिल मेम्बर सीए केमिशा सोनी, टीपीए प्रेसिडेंट सीए शैलेंद्र सिंह सोलंकी, सीए शाखा के चेयरमैन सीए मौसम राठी, एआईएफ़टीपीए के प्रेसिडेंट एडवोकेट पंकज घिया, टीपीए मानद सचिव सीए अभय शर्मा, सीआईआरसी सचिव सीए कीर्ति जोशी, सीए सोम सिंहल, सीए स्वर्णिम गुप्ता, सीए अतिशय खासगी वाला, सीए संकेत मेहता, एडवोकेट महेश अग्रवाल, सीए राजेश मेहता सहित बड़ी संख्या में देशभर से पधारे सदस्य मौजूद थे।

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