इंदौर : देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययन शाला के विद्यार्थियों ने 1 लाख सीडबॉल तैयार करने का लक्ष्य रखा है। पहली खेप में लगभग 50 हजार सीडबॉल की तैयारी शुरू कर दी गई है। इनमें अमलतास, कचनार, गुलमोहर, इमली, पीली सिरस, कोशिया सायमा, पारस, पीपल के सीडबॉल शामिल हैं।
विभागाध्यक्ष डॉ. सोनाली सिंह नरगुंदे ने बताया कि उक्त पौधों के बीज विद्यार्थियों ने इकट्ठा किए हैं, जिन्हें प्रकृति को समर्पित किया जाएगा। सभी पौधे कम पानी और प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अंकुरित और विकसित हो सकते हैं। इनके कई लाभ हैं। अमलतास और गुलमोहर, दलहन कुल के सदस्य हैं, यह वायुमंडल की नाइट्रोजन को जमीन में स्थिर कर देते हैं। इस तरह नाइट्रोजन प्राकृतिक कारखानों के रूप में कार्य करता है। अमलतास की कलियां औषधि रूप से परिपूर्ण हैं। इनके बीज बड़े वृक्ष बनने पर सहज रूप से प्राकृतिक औषधि उपलब्ध कराएंगे साथ ही गर्मी में यह सुंदर पीले रंग के पुष्पों की लड़ियां उपलब्ध कराते हैं। अनेक पक्षियों के प्रिय होने से गुलमोहर अमलतास जैव विविधता को बढ़ावा देते हैं। सीडबॉल तैयार होने के बाद इन्हें विद्यार्थी गण उन स्थानों पर प्रकृति के गोद में अर्पित करेंगे जहां पौधों की कमी है। सीड बाल तैयारी में विद्यार्थियों के साथ-साथ डॉ. मनीष काले, डॉ. नीलमेघ चतुर्वेदी डॉ. प्रेमजीत सिंह, डॉ अनुराधा शर्मा, डॉ मीनू कुमार, डॉ. कामना लाड, डॉ. विनोद सिंह और विभाग के अन्य फैकल्टी मेंबर भी हाथ बंटा रहे हैं।