इंदौर : कोरोना संकट के दौरान कलेक्टर मनीष सिंह की कार्यशैली और बर्ताव के खिलाफ विरोध के स्वर उठने लगे हैं। कलेक्टर के कथित अपमान जनक बर्ताव से आहत होकर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पूर्णिमा गड़रिया द्वारा इस्तीफे की पेशकश करने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है। स्वास्थ्य विभाग के तमाम अधिकारी- कर्मचारियों ने लामबंद होकर कलेक्टर पद से मनीष सिंह को हटाने की मांग कर दी है। उन्होंने 7 मई से कामबंद हड़ताल का भी ऐलान कर दिया है।
मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन।
गुरुवार शाम स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी- कर्मचारियों का प्रतिनिधि मंडल संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा से मिला और उन्हें मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पूर्णिमा गड़रिया भी इस दौरान उपस्थित रही। ज्ञापन में कहा गया कि स्वास्थ्य विभाग के तमाम अधिकारी- कर्मचारी कोरोना काल में अपनी जान की परवाह न करते हुए शासन के निर्देशों के अनुरूप अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं। ऐसे में कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पूर्णिमा गड़रिया को अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए अपमानित करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। कलेक्टर मनीष सिंह सार्वजनिक बैठकों में भी कई बार स्वास्थ्य अधिकारियों को अपमानित कर चुके हैं। इससे तमाम स्वास्थ्य अधिकारी- कर्मचारी खुद को प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं।
मनीष सिंह को कलेक्टर पद से हटाए।
ज्ञापन के जरिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी- कर्मचारियों ने कहा है कि वे कलेक्टर मनीष सिंह के साथ काम करने में असमर्थ हैं। उन्होंने कलेक्टर पद से मनीष सिंह को हटाने की मांग करते हुए 7 मई से कामबंद हड़ताल का भी ऐलान कर दिया है।
कलेक्टर ने लगाई थी फटकार।
बताया जाता है की ग्रामीण क्षेत्रों में फैल रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए गांवों में ही उपचार की व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इसी कड़ी में खुड़ैल व कम्पेल के स्वास्थ्य केंन्द्रों का दौरा करने गए कलेक्टर मनीष सिंह ने इंतजामों से नाखुश होकर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पूर्णिमा गड़रिया को फटकार लगा दी थी। कहा ये भी जाता है कि कलेक्टर ने उन्हें पद छोड़ने की सलाह दी थी।इसी के बाद डॉ. गड़रिया ने अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी थी।