बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने मीडियाकर्मियों से बदसलूकी को लेकर कमलनाथ पर भी साधा निशाना।
इंदौर : कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत द्वारा इंदौर में सम्पन्न पत्रकार वार्ता में पत्रकारों के साथ की गई बदसलूकी को बीजेपी ने भुनाने में देरी नहीं की। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विगत दिनों इंदौर के गांधी हाल में कमलनाथ जी ने मीडिया का अपमान किया था।
चलो निकलो यहाँ से,मत आना, मुझे आपकी फिक्र नहीं जैसी बातें कह कर उन्होंने सार्वजनिक रूप से मीडिया का अपमान किया था। मीडिया वह अपमान भुला भी नहीं है कि उन्होंने अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत को एक बार फिर मीडिया का अपमान करने इंदौर भेज दिया।
उन्होंने पहले तो आमंत्रण भेज कर मीडिया को चर्चा के लिए बुलाया लेकिन सवालों के जवाब धैर्य और शांतिपूर्वक देने की बजाय वह मीडिया पर ही जमकर भड़कती रही और जोर-जोर से चिल्ला- चिल्ला कर बात करते हुए मीडिया के साथियों को ही धमकाती रही तो किसी को मानहानि का दावा लगाने की धमकी भी देती रही। किसी के सवाल को एजेंडा का सवाल बताती रही, सवाल पूछने पर जवाब देने की बजाय मीडिया से ही प्रमाण मांगती रही।
ऐसा लग रहा था कि कमलनाथ जी का मीडिया के अपमान से अभी मन नहीं भरा है, इसलिए उन्होंने अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता को फिर से मीडिया का अपमान करने इंदौर भेज दिया।
बीजेपी प्रवक्ता सलूजा ने बताया कि अपनी लंबी पत्रकार वार्ता में उन्होंने ना प्रदेश के विकास पर चर्चा की ,ना उन्होंने अपनी 15 माह की सरकार पर कोई बात की , ना दिग्विजय सिंह सरकार के 10 वर्ष के शासन पर कोई बात की। उन्होंने तो सिर्फ पूर्व से घोषित वचन पत्र को ही फिर से दोहराया और उसी के मुताबिक सवालों के जवाब भी दिए। जो वचन पत्र कई दिनों पूर्व जारी हो चुका था ,उसको लेकर वही घिसी-पिटी बातें उन्होंने रखी।
कांग्रेस जिस प्रकार से शिवराज सरकार की लाडली बहना योजना का विरोध कर रही है , उसे बंद कराने की बात कर रही है ,उस पर वह कुछ नहीं बोल पाई। कमलनाथ जी के ऊपर लगे 84 के दंगों के आरोपों पर वो कोई जवाब नहीं दे पाई।
कांग्रेस ने वचन पत्र के माध्यम से जिस प्रकार से झूठी घोषणाएं की है, उसको वो कैसे पूरा करेंगे उस सवाल पर भी वो कुछ नहीं बोल पाई। उल्टा बेहद शर्मनाक तरीके से उन्होंने देश के प्रधानमंत्री के दिवंगत नानाजी को लेकर भी अशोभनीय टिप्पणी की।
उन्होंने प्रदेश के कर्ज की स्थिति तो बता दी लेकिन यह नहीं बताया कि कांग्रेस की सरकार के समय मध्य प्रदेश का बजट 23 हजार करोड़ के करीब था ,जो आज बढ़कर 3 लाख 14 हजार करोड़ का हो गया है। यदि मध्य प्रदेश सरकार कर्ज भी ले रही है तो वह अपनी सीमा में ले रही है , निर्धारित मापदंड के तहत ले रही है और निर्धारित प्रक्रिया के तहत ले रही है, जिसका उन्हें अधिकार है। वैसे भी भाजपा सरकार ने कर्ज प्रदेश के विकास के लिए लिया है , प्रदेश में कई विकास योजनाएं चल रही ,उसके लिए लिया है।कांग्रेस की तरह कर्ज लेकर भ्रष्टाचार नहीं किया है।
हमने देखा है कि जब कमलनाथ जी की सरकार थी तो वो हमेशा पैसे का रोना रोते थे लेकिन जब शिवराज सरकार मध्य प्रदेश में आई तो एक भी योजना पैसे के अभाव में बंद नहीं हुई। मुख्यमंत्री शिवराज जी ने कभी भी पैसे का रोना नहीं रोया। उल्टा उन्होंने कई नई योजनाए प्रारंभ की।
रोजगार को लेकर भी उन्होंने इस पत्रकार वार्ता में जमकर झूठ परोसा ,झूठे आंकड़े दिए जबकि प्रदेश की जनता गवाह है कि शिवराज सरकार ने बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार दिया हैं। हमने 15 अगस्त तक 1 लाख रोजगार का दावा किया था , उसे पूरा भी किया है। हमने युवाओं के लिए युवा नीति बनाई है,मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के माध्यम से युवाओं को रोजगार भी दिया है और कौशल प्रशिक्षण के साथ स्टाइपेंड देने का भी काम किया है।
निवेश को लेकर भी उन्होंने झूठ परोसा है। मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार ने अभी तक 7 ग्लोबल इन्वेस्टर मीट आयोजित की है।
विगत दिनों जनवरी 2023 में संपन्न इन्वेस्टर मीट में 15 लाख 42 हजार 514 करोड़ के निवेश के प्रस्ताव आए हैं, जिससे 29 लाख नए रोजगार सृजित होंगे।
शिवराज सरकार आने के बाद मध्य प्रदेश में निवेश बढ़ा है।
वह राजस्थान के वचन पत्र पर तो बोलती रही लेकिन कमलनाथ जी की 15 माह की सरकार में वचन पत्र के 973 बिंदुओ में से कितने पूरे हुए, कितने अधूरे रहे , उस पर उन्होंने एक शब्द भी नहीं कहा।