कांग्रेस ने हार स्वीकार कर ली, इसलिए ईवीएम और चुनाव आयोग पर लगा रहे आरोप

  
Last Updated:  November 10, 2023 " 02:20 pm"

जातिगत जनगणना के नाम पर समाज को बांटना चाहती है कांग्रेस।

प्रेस वार्ता में बोले बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय।

इंदौर : दोहरा चरित्र कांग्रेस की फितरत बन गई है।जब उन्हें लगता है की हारने वाले हैं तो ईवीएम और चुनाव आयोग पर ठीकरा फोड़ने लगते हैं। ये वही ईवीएम है, जिससे हिमाचल और कर्नाटक में भी चुनाव हुए, जहां कांग्रेस ने सत्ता हासिल की थी। दरअसल, कांग्रेस को लगने लगा है की मप्र में उसकी हार तय है,इसलिए दिग्विजय सिंह जैसे नेता ईवीएम और चुनाव आयोग को लेकर बयानबाजी करने लगे हैं। ये बात बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कही। वे गुरुवार को बीजेपी के मीडिया सेंटर पर आयोजित प्रेस वार्ता में अपनी बात रख रहे थे।

कांग्रेस को न चुनाव आयोग पर विश्वास है, न ईवीएम पर।

विजयवर्गीय ने कहा कि कांग्रेस और दिग्विजय सिंह को न चुनाव आयोग पर विश्वास है और न ही ईवीएम पर। उनका तो विकास पर भी भरोसा नहीं है। वे मानते हैं कि चुनाव तो सोशल इंजीनियरिंग से जीते जाते हैं। वे भारत की तुलना भी करते हैं तो पाकिस्तान जैसे देश से जो बुरीतरह बरबाद हो चुका है। दिग्विजय सिंह जैसे नेताओं के पाकिस्तान प्रेम और ईवीएम व चुनाव आयोग को निशाना बनाने से साफ जाहिर है की कांग्रेस ने हार स्वीकार कर ली है।

2014 के बाद पाकिस्तान क्यों बरबाद हुआ ये शोध का विषय।

कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि 2014 में भारत में मोदी जी की सरकार बनने के बाद पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था क्यों गर्त में जाती गई। इस पर पत्रकार साथियों को शोध करना चाहिए। आज पाकिस्तान में भुखमरी के हालात हैं जबकि भारत की अर्थव्यवस्था सरपट दौड़ रही है। हम दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं। ऐसा क्यों हुआ, इस पर शोध किया जाना चाहिए।

कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति देश के लिए बेहद खतरनाक।

विजयवर्गीय ने कहा कि तमिलनाडु के सीएम स्टालिन का बेटा उदयनिधि सनातन धर्म को कोरोना, डेंगू बताकर खत्म करने की बात करता है और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे का पुत्र उसका समर्थन करता है। ऐसे में कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि वह सनातन के साथ है या नहीं। कांग्रेस की ये तुष्टिकरण की नीति उसे तो खत्म करेगी ही, देश के लिए भी बेहद खतरनाक साबित होगी।

कमलनाथ के लिए राम – राम जपने का समय।

कैलाश विजयवर्गीय ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान कि प्रभु श्रीराम सबके हैं। वे सिर्फ बीजेपी के नहीं हैं पर तंज कसते हुए कहा कि हमने कभी ये दावा नहीं किया की प्रभु श्रीराम हमारे हैं, वे तो सारे जगत के हैं पर यही कमलनाथ उससमय कहां थे जब कांग्रेस ने कपिल सिब्बल और अन्य वकीलों की फौज सुप्रीम कोर्ट में खड़ी कर ये हलफनामा पेश किया था की राम तो काल्पनिक हैं। हनुमान तो काल्पनिक हैं। रामचरित मानस एक उपन्यास है। अब उन्हें राम, हनुमान याद आ रहे हैं। अच्छा है, उनके लिए ये राम राम जपने का ही समय है।

अभिनेता से नेता बनना चाहते हैं राहुल गांधी।

विजयवर्गीय ने कांग्रेस के नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे चुनावी हिंदू हैं। कुनाव के समय हिंदू होने का अभिनय करते हैं, दिखावा करते हैं। हिंदुओं के संस्कारों से वे अनभिज्ञ हैं। राहुल गांधी अभिनेता से नेता बनना चाहते हैं, यही उनकी परेशानी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया में देश का मान बढ़ाया है।

कैलाश विजयवर्गीय ने कहा की प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया में भारत का मान बढ़ाया है। उनके विरोधी भी इस बात को स्वीकार करते हैं। वैश्विक मीडिया भी इस बात को मानता है की इजराइल व फिलिस्तीन में युद्ध विराम करवाने की कूवत विश्व के किसी नेता में है तो वे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।

जातिगत जनगणना के नाम पर समाज को न बांटे।

विजयवर्गीय ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह जातिगत जनगणना के नाम पर समाज को बांटने का प्रयास कर रही है। अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति को कांग्रेस ने अपना लिया है। असल में जाति सिर्फ गरीबी होती है। गरीब कोई भी हो सकता है। कांग्रेस ने गरीबी हटाओ का नारा दिया था पर गरीब कम होने की बजाए बढ़ते गए। बीजेपी की केंद्र की मोदी और प्रदेश की शिवराज सरकार ने गरीब कल्याण को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाई। उसका असर ये हुआ की आजादी के बाद पहली बार साढ़े तेरह करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे। इनमें एक करोड़ से ज्यादा लोग मप्र के हैं।

हारने पर मतदाताओं को गाली देते हैं कांग्रेस के नेता।

कमलनाथ द्वारा सांवेर के मतदाताओं को कथित रूप से गद्दार कहे जाने को लेकर पूछे गए सवाल पर कैलाश विजयवर्गीय का कहना था कि ये कांग्रेस के नेताओं की फितरत है कि वे हारने या हार की आशंका होने पर मतदाताओं को गाली देने लगते हैं। रणदीप सुरजेवाला ने हारने पर हरियाणा के लोगों को अपशब्द कहे थे। अब कमलनाथ सांवेर के लोगों को गद्दार कह रहे हैं। चुनाव में मतदाता इस अपमान का हिसाब चुकाएंगे।

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