किसानों के हित में बीजेपी सरकार ने उठाए कई कदम, ओबीसी को दिया आरक्षण – चौधरी

  
Last Updated:  May 29, 2022 " 08:06 pm"

इंदौर : किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष दर्शन सिंह चौधरी का कहना है कि निकाय चुनावों में बीजेपी सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के नारे के साथ मैदान में उतरेगी। किसानों के हित में केंद्र की मोदी और प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार ने कई कदम उठाए हैं।कृषि के क्षेत्र में कई नवाचार हुए हैं।किसान सम्मान निधि के जरिए किसानों के खाते में सम्मान राशि डालने का काम केंद्र और प्रदेश सरकार ने किया है। किसानों को फसल का उचित मूल्य मिला है, उन्हें बीमा राशि का समुचित भुगतान हुआ है। गौ वंश संरक्षण के लिए भी प्रदेश सरकार ने 10 हजार करोड़ से अधिक राशि दी है। ओबीसी को आरक्षण देने काम बीजेपी ने किया है। ऐसे में उन्हें पूरी उम्मीद है कि बीजेपी निकाय चुनावों में भारी बहुमत के साथ जीत दर्ज करेगी। श्री चौधरी रविवार को इंदौर प्रवास पर प्रेस वार्ता के जरिए अपनी बात मीडिया कर्मियों के समक्ष रख रहे थे।

35 प्रतिशत तक देंगे पिछड़ा वर्ग को टिकट।

किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष दर्शन सिंह चौधरी के अनुसार मप्र में निकाय चुनाव में ओबीसी को आरक्षण देने का काम बीजेपी ने किया है। कमलनाथ केवल आरोप ही लगा सकते हैं। उन्होंने ओबीसी के हित में कभी कोई कदम नहीं उठाए। चौधरी ने कहा कि अनुपातिक रूप से ओबीसी को कहीं कम तो कहीं ज्यादा आरक्षण मिला है। जहां तक चुनाव में टिकट देने की बात है, पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की सिफारिश के अनुरूप बीजेपी 35 फीसदी तक टिकट ओबीसी उम्मीदवारों को देगी। जहां ओबीसी की जनसंख्या ज्यादा है, वहां ओबीसी उम्मीदवार उतारने की पार्टी की कोशिश रहेगी।

गेंहू के निर्यात पर प्रतिबंध से किसानों को नुकसान नहीं।

चौधरी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का असर किसानों पर नहीं पड़ेगा। सरकार उनसे समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदने का सिलसिला जारी रखेगी।

बिजली की स्थिति अब बेहतर हो गई है।

किसान मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष ने स्वीकार किया कि कोयले की कमी से कुछ समय के लिए बिजली कटौती की स्थिति बनीं थी, पर उनका दावा है कि कुशल प्रबंधन के चलते सरकार ने कोयले के संकट पर काबू पा लिया है, अब हालत बेहतर है और किसानों को पूरी बिजली मिल रही है।किसानों को बिजली बिलों पर 20 हजार करोड़ की सब्सिडी दी गई है। पर्याप्त बिजली मिलने की वजह से ही किसान साल में तीन फसलें लेने में भी सक्षम हो गए हैं। मप्र सरकार की किसान हितकारी नीतियों का ही परिणाम है कि प्रदेश में कृषि विकास दर 19 फीसदी रही है, जो देश में सर्वाधिक है।

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