इंदौर : कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की रफ्तार कुछ कम अवश्य हुई है पर संक्रमित मामलों में उतार- चढ़ाव भी देखा जा रहा है। गुरुवार 27 जनवरी को 1498 नएं संक्रमित मिले थे और संक्रमण दर करीब 15 फीसदी रही थी पर शुक्रवार 28 जनवरी को संक्रमित बढ़कर 1905 हो गए। संक्रमण दर भी बढ़कर 20 फीसदी हो गई। हालांकि ठीक होने वाले मरीजों की संख्या शुक्रवार को 2835 रही, जिससे एक्टिव मरीजों की तादाद घटकर 16083 रह गई है।
मौतों का लगातार बढ़ रहा ग्राफ।
चिंता की बात कोरोना संक्रमण से होने वाली मौतों को लेकर है। शुक्रवार को दो मौतों के साथ जनवरी माह में कोरोना संक्रमण से अबतक कुल 25 मौतें हो चुकी हैं। इन मौतों की वजह क्या हो सकती है, क्या ओमिक्रोन भी घातक सिद्ध हो रहा है, आगे क्या परिदृश्य बन सकता है, ऐसे तमाम सवालों को लेकर अवर लाइव इंडिया ने एमजीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के एचओडी और वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. वीपी पांडे से चर्चा की।
ओमिक्रोन बेहद संक्रामक है पर घातक नहीं।
डॉ. पांडे का कहना है कि हमारे यहां कोरोना की तीसरी लहर जनवरी में आई जबकि विदेशों में यह अक्टूबर- नवम्बर में ही आ चुकी थी। उन्होंने पुनः जोर देकर कहा कि कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमिक्रोन, पुराने डेल्टा वैरिएंट की तुलना में बेहद संक्रामक है पर डेल्टा की तरह घातक नहीं है। 99 फीसदी संक्रमित लोग गले के संक्रमण, बदन दर्द, बुखार जैसे लक्षणों से ग्रसित होने के बाद सामान्य उपचार से 3 से 5 दिन में ठीक हो रहे हैं। निमोनिया जैसे लक्षण उनमें नहीं पाए जा रहे हैं।100 में से एक या दो मरीजों को ही सिटी स्कैन की जरूरत पड़ रही है। ऐसे में लोगों को डरने या दहशत में आने की जरूरत नहीं है।वे सतर्क रहें, कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें और टीकाकरण अवश्य करवाएं। 60 से अधिक उम्र के लोग बूस्टर डोज जरूर लगवाएं (अगर दूसरा डोज लेकर उन्हें निर्धारित समय हो गया है।)
मौतों की वजह अन्य गंभीर बीमारियां हैं।
डॉ. पांडे के अनुसार ओमिक्रोन का खतरा उन्हीं लोगों में ज्यादा है, जो किडनी, हार्ट, मधुमेह, अनियंत्रित बीपी, अस्थमा या अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं। उन्हें खास सावधानी बरतने की जरूरत है। डॉ. पांडे ने बताया कि ओमिक्रोन से जो मौतें अभी तक दर्ज हुई हैं, उनके डेथ ऑडिट में यह बात निकलकर सामने आई है कि ज्यादातर मौतें उम्र अधिक होने और कोरोना संक्रमण के साथ गंभीर बीमारियों से ग्रसित होने के चलते ही हुई हैं।
ओमिक्रोन से मिल रही अच्छी इम्युनिटी ।
डॉ. पांडे के मुताबिक ब्रिटेन में हाल ही में एक स्टडी में पता चला है कि जो लोग ओमिक्रोन संक्रमण से ठीक हो चुके हैं, उनमें बहुत अच्छी इम्युनिटी डेवलप हो रही है, जो कोरोना के सभी स्वरूपों को नियंत्रित करने में कारगर साबित हो रही है।
डॉ. पांडे ने कहा कि टीकाकरण करवाने वाले लोगों में कोरोना संक्रमण बेहद कम नजर आ रहा है, इसलिए टीका अवश्य लगवाएं।