कोहरे ने रोकी यात्रियों की राह, उड़ानें लेट होने से घंटों झेलनी पड़ी परेशानी

  
Last Updated:  January 2, 2020 " 08:42 am"

इंदौर : नए साल की दूसरी सुबह घने कोहरे में लिपटी नजर आई। सड़क, रेल और हवाई यातायात पर इसका असर पड़ा। आसमान में बादल छाए रहने से सूरज के दीदार भी नहीं हो सके। ठिठुरन बढ़ने से लोग दिन में अलाव जलाकर तापते दिखाई दिए।

दृश्यता में आई कमीं।

गुरुवार याने 2 जनवरी की सुबह कोहरा इतना घना था कि 5 मीटर दूर भी साफ नजर नहीं आ रहा था। लोग सोकर उठे तो सिवाय कोहरे के कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। सूरज ने तो दर्शन देने से ही तौबा कर ली थी। धूप से वंचित लोगों ने सर्द हवाओं से बचने के लिए गर्म कपड़ों में खुद को समेट लिया। जब उनसे भी पर्याप्त राहत नहीं मिली तो लोगों ने अलाव जलाकर ठंड का मुकाबला करने का प्रयास किया।

रेल, सड़क, हवाई यातायात पर पड़ा असर।

कोहरे के कारण विजिबिलिटी कम होने से रेल, सड़क और हवाई यातायात प्रभावित हुआ। सड़कों पर निकले वाहन चालकों को दिन में भी हेडलाइट्स जलानी पड़ी। इंदौर आनेवाली कई ट्रेनें देरी से इंदौर पहुंची। हवाई यातायात पर भी कोहरे का गहरा असर पड़ा। कोलकाता से इंदौर आनेवाली फ्लाइट विजिबिलिटी कम होने से अहमदाबाद डायवर्ट करनी पड़ी। मुम्बई, दिल्ली से आनेवाली उड़ानें भी देरी से इंदौर आई। यही हाल इंदौर से जानेवाली उड़ानों का भी रहा। मौसम की मार से उड़ानों का पूरा शेड्यूल ही बिगड़ गया। सुबह 5 बजे विमानतल पहुंचे यात्रियों को घंटों फ्लाइट का इंतजार करना पड़ा। इतने अधिक यात्री विमानतल पर जमा हो गए थे कि बैठने की जगह का टोटा पड़ गया। जिसे जहां जगह मिली वहीं डेरा डालकर बैठ गया। विमानतल प्रबन्धन ने भी यात्रियों की सुध नहीं ली। रेलवे स्टेशन का सा नजारा विमानतल पर दिखाई देने लगा था।

ये है मौसम का हाल..!

मौसम विभाग का अनुमान है कि गुरुवार 2 जनवरी को आसमान में बादल छाए रहने के साथ बारिश भी हो सकती है। वातावरण में नमीं 60 फीसदी से ज्यादा और हवा की गति 22 किमी प्रति घंटा बताई गई है। अधिकतम तापमान भी गिरकर 21-23 डिग्री तक पहुंच गया है।

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