गांधी हॉल को निजी हाथों में सौंपने पर महापौर ने लगाई रोक

  
Last Updated:  May 25, 2023 " 08:31 pm"

स्मार्ट सिटी कंपनी ने 50 लाख रूप सलाना किराए पर निजी क्षेत्र को सौंपने का किया था निर्णय।

जनविरोध को देखते हुए महापौर ने रोका स्मार्ट सिटी कंपनी का फैसला।

इंदौर : नव श्रृंगारित गांधी हॉल को निजी हाथों में सौंपने के स्मार्ट सिटी कंपनी के फैसले पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने रोक लगा दी है। महापौर ने साफ किया है कि गांधी हॉल का रखरखाव और संचालन निजी कंपनी को नहीं सौंपा जाएगा। गांधी हाल के रखरखाव और संचालन से संबंधित कोई भी निर्णय नगर निगम, जनप्रतिनिधि और शहर के प्रबुद्ध नागरिक मिलकर लेंगे।

स्मार्ट सिटी कंपनी का दावा है गांधी हॉल को संवारने पर उसने 09 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। आनेवाले समय में इसका रखरखाव होता रहे और निगम को भी आय होती रहे इस बात के मद्देनजर एक निजी कंपनी को 50 लाख रुपए साल की लीज पर इसे सौंपने का निर्णय लिया गया था।

जनप्रतिनिधियों और प्रबुद्धजनों ने किया था विरोध।

शहर की ऐतिहासिक धरोहर गांधी हॉल को निजी हाथों में सौंपने का व्यापक विरोध हुआ था। जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों और प्रबुद्धजनों ने गांधी हॉल को शहर की विरासत और जनता की संपत्ति बताते हुए उसे ठेके पर देने का पुरजोर विरोध किया था। जनभावना को देखते हुए महापौर ने गांधी हॉल को निजी हाथों में देने के फैसले पर रोक लगा दी।

बड़ी राशि खर्च करने के बावजूद बगीचा उजाड़।

अहम बात ये भी है कि स्मार्ट सिटी कंपनी के गांधी हॉल और आसपास के परिसर के सौंदर्यीकरण पर करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद परिसर की हालत में खास सुधार नहीं आया है। पिछले दिनों एक कार्यक्रम में जाने का मौका मिला था, तब देखा गया की गांधी हॉल के एक तरफ के पंखे खराब थे और लोग गर्मी से परेशान हो रहे थे। यही नहीं हॉल के पीछे स्थित सुलभ शौचालय में ताले लटके थे।उसकी दशा में भी कोई सुधार नहीं हुआ था। हॉल के सामने स्थित बगीचे को भी उजड़ी हालत में छोड़ दिया गया है। पूरे बगीचे में न तो ठीक से घास उगाई गई है और न ही पौधों की क्यारियां लगाई गई हैं। यही नहीं आम लोगों के बैठने के लिए बैंच भी नहीं लगाए गए हैं। गर्मी में छांव और सुकून की तलाश में आने वाले लोगों को शहर के मध्य स्थित गांधी हॉल के बगीचे में आकर निराश होना पड़ता है।ऐसे में करोड़ों रुपए कहां खर्च हुए इस पर भी सवाल उठना लाजमी है।

बहरहाल, गांधी हॉल शहर की विरासत और जनता की धरोहर है। इसे निजी कंपनी के हाथों में जाने से रोककर महापौर भार्गव ने सही काम किया है।

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