टैक्स ऑडिट के महत्वपूर्ण बिंदुओं की सेमिनार में दी गई जानकारी

  
Last Updated:  December 16, 2021 " 09:02 pm"

इंदौर : टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन इंदौर ने ‘इम्पोर्टेन्ट इश्यूज इन टैक्स ऑडिट’ विषय पर महत्वपूर्ण सेमिनार का आयोजन किया l इस सेमिनार के मुख्य वक्ता आईसीएआई के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सीए मनोज फडनीस थे। उन्होंने कहा कि सीए का ऑडिट, आयकर अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार करना होता है l टैक्स ऑडिट का उद्देश्य आयकर विभाग को वे सभी सूचनाएं उपलब्ध कराना होता है जो आयकर विभाग को असेसमेंट में आवश्यक होती है l
ऑडिटर को ऑडिट के दौरान समुचित डॉक्युमेंटेशन रखना चाहिए l ऑडिटर को क्लाइंट के स्टॉक का वेरिफिकेशन अवश्य करना चाहिए क्योंकि इसमें अंतर होने पर विभाग टैक्स तथा पेनल्टी की वसूली कर सकता है l यदि ऑडिटर स्टॉक वेरिफिकेशन टेक्निकल रीजन से नहीं कर पा रहा है तो उसे अपनी रिपोर्ट में इसे मेंशन अवश्य करना चाहिए l यदि व्यापार में 10 हजार से ज्यादा का कॅश पैमेंट किया है तो इसे ऑडिट रिपोर्ट में दर्शाना होगा। l
सीए सोम सिंघल ने कहा कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने करदाता का एन्युअल इनफार्मेशन स्टेटमेंट (एआईएस) पोर्टल पर उपलब्ध करा दिया है l यह स्टेटमेंट वैसे तो फॉर्म 26AS का एक्स्टेंशन है लेकिन इसमें करदाता के छोटे से छोटे ट्रांजेक्शन जैसे इंटरेस्ट, डिविडेंड इत्यादि को शो किया जा रहा है l इसमें ख़ास बात यह है कि हम किसी भी इन्फॉर्मेशन जिससे करदाता डिसएग्री है; उसके विरूद्ध अपना ऑब्जेक्शन दर्ज करा सकते हैं। यह ऑब्जेक्शन फीड बेक के द्वारा वर्ष में कितने ही बार दर्ज कराया जा सकता है l

कार्यक्रम का मोडरेशन सीए दीपक माहेश्वरी ने कियाl
कार्यक्रम का संचालन मानद सचिव सीए अभय शर्मा ने किया, स्वागत भाषण अध्यक्ष सीए शैलेन्द्र सिंह सोलंकी ने दिया l बड़ी संख्या में टैक्स प्रैक्टिशनर्स ने सेमिनार में शिरकत कर इसका लाभ लिया।

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