इंदौर : शुक्रवार दोपहर बदले मौसम ने कहर ढा दिया। इंदौर सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों में तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई। आइस क्यूब के आकार के ओलों से बर्फ की सफेद चादर सी बिछ गई। अनायास हुई इस ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी गेहूं की फसल को बड़ा नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है।
आसमान में बादलों की आवाजाही तो सुबह से ही चल रही थी पर ढलती दोपहर में बादलों ने रौद्र रूप धारण कर लिया। तेज हवा चलने लगी, बिजली कड़कने के साथ बादल गर्जना करने लगे और किसी को संभलने का अवसर दिए बिना झमाझम बरस पड़े। जोरदार बारिश के साथ चने से भी बड़े आकार के ओलों ने कोहराम मचा दिया। कुछ शहरी इलाकों में भी ओले गिरे लेकिन ओलावृष्टि का कहर ग्रामीण क्षेत्रों में नजर आया। देपालपुर के हारनासा, चकलौंदा, बरोदा पंथ सहित कई गांवों में बारिश के साथ भारी ओलावृष्टि हुई। सड़कों, खेतों व घरों की छतों पर ओलों की चादर सी बिछ गई। राऊ, पीथमपुर व अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में भी जोरदार ओलावृष्टि की खबर मिली है। बारिश का दौर रुक- रुक कर जारी है।
खेतों में खड़ी फसल को नुकसान।
जबरदस्त ओलावृष्टि से खेतों में कटने के लिए तैयार खड़ी गेंहूँ व चने की फसल को खासा नुकसान पहुंचने की आशंका जताई गई है। किसानों का मानना है कि उनकी फसल चौपट होने का पूरा अनुमान है।
इस बीच बादलों गड़गड़ाहट के साथ बारिश का दौर रुक- रुक कर जारी है। शाम को भी तेज बारिश ने जनजीवन अस्त- व्यस्त कर दिया। लोग दुकानों की ओट में खड़े होकर भीगने से बचने का असफल प्रयास करते रहे। बताया जाता है कि मौसम में आए इस बदलाव का असर अगले एक- दो दिनों तक बना रह सकता है।