कमलनाथ ने पीसीसी दफ्तर में दिलवाई कांग्रेस की सदस्यता।
सीएम शिवराज के खिलाफ बुधनी से चुनाव लड़ने का जताया इरादा।
कोरोना से पीड़ित पत्नी के इलाज में मदद नहीं करने का शिवराज सरकार पर लगाया आरोप।
इंदौर : पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने अंततः सारी अटकलों को विराम देते हुए शनिवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया। अपने पिता पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी का चित्र लेकर पीसीसी दफ्तर, भोपाल पहुंचे दीपक जोशी का प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने स्वागत करते हुए कांग्रेस की सदस्यता दिलवाई।
पत्नी के इलाज में बीजेपी ने नहीं की मदद।
कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने के बाद दीपक जोशी ने मीडिया से चर्चा के दौरान बीजेपी पर हमला बोला और गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि मेरी पत्नी को कोरोना ने जकड़ लिया था। उन्हें इलाज की जरूरत थी पर सरकार ने जिला प्रशासन को मेरी मदद करने से मना कर दिया था। इलाज के अभाव में मेरी पत्नी की मौत हो गई थी।
बुधनी में शिवराज के खिलाफ लड़ेंगे चुनाव।
दीपक जोशी ने कहा कि मैं बुधनी से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के खिलाफ विधानसभा का चुनाव लड़ने को तैयार हूं। मैं कांग्रेस को वो सीट जीतकर दूंगा।
शिवराज को भाई नहीं मानता।
इसके पूर्व सीएम शिवराज के उन्हें छोटा भाई बताने पर दीपक जोशी ने कहा था कि वे भले ही मुझे अपना भाई मानें पर मैं उन्हें अपना भाई नहीं मानता।
बता दें कि दीपक जोशी, बीजेपी में लंबे समय से बगावती तेवर अपनाए हुए थे।दरअसल, पिछला विधानसभा चुनाव वे हाटपिपल्या से कांग्रेस के मनोज चौधरी से हार गए थे। बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ मनोज चौधरी भी बीजेपी में आ गए। यही नहीं इस्तीफा देने के बाद उपचुनाव में वे बीजेपी के टिकट पर विधायक चुन लिए गए। ऐसे में यह तय हो गया कि छह माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में पुनः वे ही हाटपिपल्या से बीजेपी के प्रत्याशी होंगे। ऐसे में दीपक जोशी को यह लगाने लगा था कि बीजेपी अब उन्हें विधानसभा का टिकट नहीं देगी। अपना राजनीतिक भविष्य उन्हें अंधकारमय नजर आने लगा था। इसीलिए उन्होंने कांग्रेस का हाथ थामने का मन बना लिया था। मुख्यमंत्री चौहान और प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने उन्हें मनाने की बहुतेरी कोशिश की लेकिन चुनाव लड़ाने का भरोसा नहीं दिया। इसके चलते दीपक जोशी ने बीजेपी को अलविदा कहते हुए कांग्रेस का दामन थाम लिया।