देनदारी से बचने के लिए फरियादी ने खुद ही रची थी 53 लाख रुपए चोरी होने की झूठी कहानी

  
Last Updated:  December 27, 2023 " 01:19 am"

द्वारकापुरी पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार।

अभी तक 19 लाख रुपए हुए बरामद।

इंदौर : द्वारकापुरी क्षेत्र में हुई 53 लाख रुपयों की चोरी का, पुलिस थाना द्वारकापुरी इंदौर ने पर्दाफाश कर दिया है।आरोपी ने लोगों का कर्ज देने से बचने के लिए खुद ही अपने घर में चोरी होने की झूठी कहानी गढ़ी थी।
आरोपी को बंदी बनाकर नकद 19,01,000 रुपए सहित एक सोने की माला, सोने के टाप्स एक जोड जब्त किए गए।

ये था पूरा मामला :-

पुलिस थाना द्वारकापुरी पर
दिनांक 22.12.2023 को फरियादी अनमोल पाटिल पिता संजय पाटिल नि. द्वारकापुरी इंदौर ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि दिनांक 21.12.2023 की सुबह करीबन 11.30 बजे मैं, मेरी मां राथा पाटिल व दादी निर्मला के साथ खेगावडा जिला खंडवा बस से गया था। घर पर मेरे पिता संजय पाटिल अकेले रह गये थे। मुझे मेरे चाचा के लड़के यश पाटिल ने सुबह 08.00 बजे फोन कर बताया कि तुम्हारे घर में चोरी हो गयी है और तुम्हारे पिता अस्पताल में एडमिट हैं। इस पर मैं दोपहर 01.00 बजे घर आया, देखा कि घर के ऊपरी मंजिल का एक कमरे के दरवाजे का नकूचा टूटा हुआ था, कमरे का सामान अस्त व्यस्त था। फिर मैं अस्पताल गया और अपने पिता संजय पाटिल से मिला जिन्होने बताया कि अलमारी में रखे नकदी करीब 53 लाख रुपये व सोने के जेवर चोरी हुए हैं। फरियादी की रिपोर्ट पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

प्रकरण में नकद 53 लाख रुपया चोरी होने से अपराध की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस आयुक्त नगरीय इंदौर श्री मकरंद देउस्कर एवं अति. पुलिस आयुक्त श्री मनीष कपूरिया द्वारा तत्काल अज्ञात आरोपियों की पहचान कर गिरफ्तारी के निर्देश दिए गए। उक्त निर्देशों पर पुलिस उपायुक्त सी जोन 4 आर. के. सिंह द्वारा अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त जोन 4 अभिनव विश्वकर्मा व प्रभारी सहायक पुलिस आयुक्त अन्नपूर्णा हेमंत चौहान द्वारा मौके का निरीक्षण कर थाना प्रभारी द्वारकापुरी के निर्देशन में एक पुलिस टीम का गठन कर आरोपियों की पहचान व गिरफ्तारी में लगाई गई। पुलिस टीम द्वारा थाना द्वारकापुरी क्षेत्र के तमाम स्थानों पर लगे सीसीटीवी के फुटेज देखे गए। संदिग्ध व्यक्तियों का सीडीआर मंगाया जाकर एनालिसिस किया गया परंतु कोई सफलता नहीं मिलने पर उक्त मामला संदिग्ध प्रकृति का प्रतीत हुआ।इसपर फरियादी पक्ष से जुड़े तमाम बिंदुओं पर सिलसिलेवार पैनी नजर रखकर विवेचना की गयी तो महत्वपूर्ण सुराम हाथ लगे कि फरियादी अनमोल पाटिल के पिता संजय पाटिल प्रापर्टी क्रय विक्रय का कार्य करते हैं, जिन पर लोगों का काफी उधार है, संजय पाटिल पर प्रापर्टी के संबंध में कुछ व्यक्तियों को लाखों रुपयों की देनदारी हो गयी थी इस पर उसके द्वारा घर में ही चोरी किये जाने का प्लान तैयार किया गया। इसके लिए उसने योजनाबद्ध तरीके से अपने बेटे अनमोल, पत्नी राधा व मां निर्मला को अपने पत्नी के मायके दिनांक 21.12.2023 को सुबह रवाना कर दिया। उसके बाद संजय पाटिल रात्रि लगभग 8.00 बजे मच्छी बाजार कबाडा मार्केट से लोहे की टॉमी व पेचकस खरीदकर लाया और स्वयं ही घर के दरवाजे तथा अलमारी के नकूवे टॉमी व पेचकस की सहायता से तोड़ दिए।एक झूठा घटनाक्रम तैयार किया और घर के ही दूसरे कमरे में सोने का नाटक किया। दूसरे दिन सुबह पडौसी ने देखा तो संजय पाटिल को उसके द्वारा आवाज दी गयी किंतु वह जानबूझकर नहीं उठा और बीमार होने का नाटक किया और अस्पताल में जाकर भर्ती हो गया।

संजय पाटित द्वारा परशुराम नामक व्यक्ति के मकान को 46 लाख रुपये में विक्रय कर उसे 5 लाख रुपया देकर स्वयं 35 लाख रुपये व दलाली के 6 लाख रुपये रख लिए थे, मित्र पवन पाण्डेय से 7 लाख रुपये लेकर रख लिए थे। जिन व्यक्तियों के रुपये उसके द्वारा लिए गए थे, उन रुपयों को टुकडों- टुकडों में नारायण नामक व्यक्ति को 6 लाख रुपये, किशोर बंजारा को 5 लाख रुपये, दामोदर को 5 लाख रुपये, हकीमुद्दीन को 51000 रुपये दिए। स्वयं सोने के जेवर व नगदी 2,50,000 रुपये छिपा लिए ।

पुलिस द्वारा आरोपी को गिरफ्तार कर अभी तक की विवेचना में कुल 19,01,000 रुपये जब्त किए गए हैं। शेष रुपये की बरामदगी व जब्ती की कार्रवाई जारी है। प्रकरण में विवेचना के आधार पर अग्रिम वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।

उक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी द्वारकापुरी निरीक्षक ब्रजेश कुमार मालवीय व उनकी टीम के उप निरीक्षक आलोक मिठास, अशरफ अली अंसारी, देवेन्द्र मिश्रा, सहायक उप निरीक्षक कमल सिंह चौहान, प्रधान आरक्षक प्रदीप सिंह बघेल, ओम प्रकाश अवास्या, अमर पाल सिंह चौहान, प्रताप पटेल, शफीक खान, नितेश बघेल, उदयभान यू सिंह यादव, आरक्षक जीतेन्द्र सोलंकी (थाना अन्नपूर्णा), राकेश विश्वकर्मा (थाना अन्नपूर्णा), अनुराग सिंह सिकरवार, धर्मेन्द्र सिंह सोनगरा, सरदार भागों आशीष (सायबर सेल), धर्मेन्द्र सिंह, संतोष सिंह राठौर, महिला सैनिक 430 नीलिमा की महत्वपूर्ण एवं सराहनीय भूमिका रही ।

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