धनश्री पंडित के गायन से हुआ ठुमरी के ठाठ का समापन

  
Last Updated:  November 14, 2022 " 12:46 am"

इंदौर : पंचम निषाद संगीत संस्थान इंदौर,दक्षिण मध्य सांस्कृतिक केन्द्र नागपूर, संस्क्रुति संचालनालय भोपाल एवं संस्कार भारती के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय समारोह ठुमरी का ठाठ का समापन रविवार को हुआ। जाल सभागृह में संपन्न हुए इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दक्षिण मध्य सांस्कृतिक केन्द्र नागपूर के निदेशक दीपक खिरवडकर थे। संस्कार भारती के महामंत्री सुधीर सुभेदार भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

कार्यक्रम का आगाज गिरिजा देवी की सुशिष्या शोभा चौधरी के ठुमरी गायन से हुआ। उन्होंने राग खंबावती और झिंझोटी में ठुमरी ‘मन हर लीनो मोरा रे’ गाकर श्रोताओं की दाद बटोरी। उनके साथ तबले पर संजय मंडलोई और हार्मोनियम पर धर्मनाथ मिश्र ने संगति की। तानपुरे पर मीनल मोडक एवं अनार्ता भास्कर थी।

इसके बाद गया से पधारे राजेन्द्र सेजवर ने अपनी प्रस्तुति दी। श्री सेजवर ने मिश्र तिलंग में रचना दिजो मोहे नई चुनरी और पहाडी में बैठ निपट अनारी दर्शकों को सुनाई। तबले पर सुभाष दास और हार्मोनियम पर धर्मनाथ मिश्र ने साथ निभाया।

कार्यक्रम का समापन मुंबई की गायिका धनश्री पंडित के ठुमरी गायन से हुआ। धनश्री ने राग मिश्र देस मे रचना चांदनी सी रात, भिन्न षड्ज मे दो रचनाएं ओ तेरे बिन बालम और कैसे कटे दिन रतिया सुनाई।कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति के लिए धनश्री ने एक बारामासा चुना, जिसके बोल थे ‘नई झूलनी’
कार्यक्रम का संचालन संजय पटेल ने किया।अतिथियों का स्वागत अरविंद तिवारी, सुभाष माथुर ने किया।

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