यशवंत सागर के ठीक सामने है गौशाला।
नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे का आरोप, बिना किसी प्रस्ताव और लिखित आदेश के कब्जेधारी बाबा को दे दी गई गौशाला व उसकी जमीन।
महापौर व निगमायुक्त पर लगाया मिलीभगत का आरोप।
निर्वाचन आयोग से की शिकायत।
इंदौर : नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने नगर निगम के स्वामित्व की गौशाला और उसकी करोड़ों की जमीन बिना किसी लिखित आदेश के एक बाबा को सौंप देने का आरोप महापौर व निगमायुक्त पर लगाया है। उन्होंने इसकी शिकायत निर्वाचन आयोग से करने की भी बात कही है।
महापौर व निगमायुक्त की मिलीभगत से बाबा को दी गई गौशाला व जमीन।
चिंटू चौकसे के अनुसार यशवंत सागर के ठीक सामने नगर निगम की गौशाला है, जहां 600 गाएं हैं। इन गायों के उपचार के लिए यहां एक अस्पताल भी है। नगर निगम प्रतिवर्ष करीब दो करोड़ रुपए इस गौशाला के संचालन पर खर्च करता है। बीती चैत्र नवरात्रि के पहले दिन से एक बाबा अच्युतानंद महाराज और उसके चेलों का इस गौशाला पर कब्जा है। चिंटू चौकसे का आरोप है कि उक्त बाबा को यह गौशाला व करोड़ों की जमीन महापौर व निगमायुक्त की मिलीभगत से आचार संहिता की आड़ में सौंप दी गई है। इसके लिए न तो कोई प्रस्ताव पारित किया गया है और न ही कोई लिखित आदेश जारी किया गया है। उक्त बाबा और उसके चेले गौशाला के संचालन में तैनात निगमकामियों को निर्देश भी देते हैं।
नेता प्रतिपक्ष चौकसे का आरोप है कि नगर निगम के स्वामित्व की गौशाला व जमीन की बंदरबाट का प्रयास किया जा रहा है। पूर्व निगमायुक्त ने इस मामले में असहमति जताई थी, इसलिए उनके खिलाफ माहौल बनाया गया था। उनके तबादले के बाद नए निगमायुक्त के साथ मिलकर गौशाला व जमीन का खेल कर दिया गया।वे इसकी शिकायत निर्वाचन आयोग से करने जा रहे हैं। उन्होंने समूचे मामले की जांच करने और निगमायुक्त को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए निलंबित करने की मांग की है।