निगमकर्मियों की दबंगई के शिकार मासूम भाइयों की ओर इंदौर प्रेस क्लब ने बढाया मदद का हाथ..

  
Last Updated:  July 23, 2020 " 11:34 am"

इंदौर : पीपल्याहाना चौराहे के समीप ठेले पर अंडे बेचकर गुजारा करने वाले दो मासूमों के साथ निगमकर्मियों द्वारा किये गए अमानवीय बर्ताव को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है। तमाम जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों और मीडिया के साथियों ने निगमकर्मियों की अमानवीय हरकत की निंदा करते हुए दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

इंदौर प्रेस क्लब ने बढाया मदद का हाथ।

निगमकर्मियों की दबंगई के चलते 13 साल के पारस और 14 साल के नीलेश रायकवार का ठेला उलट गया और तमाम अंडे सड़क पर बिखर गए थे। इस घटना का वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लोगों की सहानुभूति मासूम बच्चों के साथ हो गई। कई लोग मासूमों की मदद के लिए आगे आए। इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने भी जब वायरल वीडियो देखा तो उनसे रहा नहीं गया। उन्होंने तत्काल निगमकर्मियों की अमानवीयता के शिकार मासूमों के बारे में पता किया और उन्हें प्रेस क्लब में आमंत्रित किया। ऑटो व ठेला यूनियन के नेता राजेश बिडकर के साथ बालक पारस, अपने नाना को लेकर गुरुवार दोपहर प्रेस क्लब पहुंचा। प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने उनसे घटना की जानकारी ली और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। उन्होंने प्रेस क्लब की ओर से आर्थिक सहायता के तौर पर बालक पारस को ढाई हजार रुपए की नकद राशि और राशन किट प्रदान की ताकि उनका गुजारा चलता रहे।

दोषी निगमकर्मियों पर हो कड़ी कार्रवाई।

प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने ठेला लगाकर गुजारा करने वाले मासूम पारस और नीलेश के साथ निगमकर्मियों द्वारा की गई दबंगई व ठेला पलटाने की घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम की आड़ में निगम अधिकारी- कर्मचारी निरंकुश बर्ताव कर रहे हैं। निगम की पीली गाड़ी डर, दहशत और आतंक का पर्याय बन गई है। जो भी निगमकर्मी मासूम बच्चों के साथ अत्याचार के लिए जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ निगमायुक्त को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

ये था मामला।

13 वर्षीय बालक पारस और उसका बड़ा भाई नीलेश रोज शाम को पीपल्याहाना क्षेत्र में अंडे का ठेला लगाकर अपना गुजर- बसर करते हैं। बुधवार शाम क्षेत्र में पहुंची निगमकर्मियों की गैंग ने ठेलेवालों को वहां से खदेड़ना शुरू किया। ठेले पर नाना विजय के साथ अंडे बेच रहे बालक पारस के साथ भी निगमकर्मियों ने बदतमीजी की और ठेला जब्त करने की बात करने लगे। बालक पारस के अनुसार उनसे पैसों की भी मांग की गई। घबराहट में वे ठेला लेकर वहां से भागे, निगमकर्मियों ने उनका पीछा किया इसी हड़बड़ाहट में ठेला पलट गया और उसमें रखे अंडे व अन्य सामान सड़क पर बिखर गया। ठेला पलटने के बाद निगमकर्मी वहां से नदारद हो गए। कुछ लोगों ने इस घटनाक्रम का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिससे निगमकर्मियों की अमानवीयता सबके सामने आ गई।

ठेला लगाने के साथ पढाई भी करते हैं दोनों बच्चे।

दोनों भाई पारस व नीलेश रायकवार अनाथ हैं। बचपन में ही माता- पिता की मौत के बाद नाना विजय रायकवार ने हम्माली कर उनकी देखभाल की। उनको अच्छे स्कूल में भर्ती करवाया। बाद में जब नाना को आंखों से कम दिखाई देने लगा तो दोनों भाई अंडे का ठेला लगाकर अपना व नाना का जीवन यापन करने लगे। दोनों नेहरू पार्क के समीप स्थित शासकीय बाल विनय मन्दिर में 7 वी के छात्र हैं। पारस व नीलेश दोनों नियमित रूप से पढाई करते हैं। लॉक डाउन के पहले तक वे रोज स्कूल भी जाते थे और वहां से आने के बाद शाम को ठेला लगाते थे। लॉक डाउन के बाद रोजी रोटी के लिए उन्होंने फिर से ठेला लगाना शुरू किया ही था कि निगमकर्मियों का कहर उन पर टूट पड़ा।

श्मशान घाट के पास शेड डालकर रहते हैं…!

दोनों मासूम पारस व नीलेश के पास रहने का कोई स्थायी ठिकाना नहीं है। वे अपने नाना के साथ पीपल्याहाना श्मशान के पास छोटा सा शेड डालकर रहते हैं। बारिश में प्लास्टिक की बरसाती उनकी छत बन जाती है। इतनी विषम परिस्थितियों में भी दोनों बच्चे सुनहरे भविष्य का सपना मन में संजोए पढ़ाई के साथ मेहनत कर अपना गुजारा कर रहे हैं। निगमकर्मियों ने अपनी कारगुजारी से उनके सपनों पर कुठाराघात करने का काम किया है, जिसकी जितनी निंदा की जाए कम है।

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