इंदौर:ब्रिलियंट कन्वेंशन में चल रहा नगर निगम का बजट सम्मेलन गुरुवार को हंगामें की भेंट चढ़ गया। महापौर द्वारा एक दिन पूर्व पेश किए गए बजट पर गुरुवार को चर्चा होना थी। सम्मेलन की कार्रवाई शुरू हुई ही थी कि कांग्रेस के कार्यकर्ता चिंटू चौकसे की अगुवाई में सम्मेलन स्थल पर पहुंच गए और पानी की समस्या के निराकरण की मांग करने लगे। कुछ देर बाद वे पार्टी के झंडे लेकर निगम की बैठक में घुस आए और हंगामा करने लगे। बीजेपी पार्षदों ने उन्हें ऐसा करने से रोका तो बवाल और बढ़ गया। इस बीच कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए एमआईसी सदस्य सुधीर देडगे और अन्य पार्षदों के साथ हाथापाई शुरू कर दी। भारी हंगामें और हाथापाई को देखते हुए सभापति अजय सिंह नरुका ने बहुमत के आधार पर बिना बहस के बजट पारित कर घोषित कर दिया। उन्होंने हंगामें में शामिल कांग्रेस पार्षदों को एक साल के लिए निलंबित कर दिया।
महापौर व बीजेपी पार्षदों ने थाने पर दिया धरना।
सम्मेलन स्थल पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के जबरन घुसकर हंगामा करने और बीजेपी पार्षदों के साथ हाथापाई करने के विरोध में महापौर मालिनी गौड़ लसूड़िया थाने पहुंची। बीजेपी पार्षद भी उनके साथ थे। महापौर ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर गुंडागर्दी का आरोप लगाते हुए थाने पर धरना दे दिया। सांसद शंकर लालवानी, विधायक महेंद्र हार्डिया, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता भी वहां पहुंच गए। टीआई और सीएसपी थाने में मौजूद नहीं थे। इसपर धरना दे रहे भाजपाई वहीं बैठकर भजन गाने लगे। बाद में थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे और जांच के बाद एफआईआर दर्ज करने की मांग की। इसपर महापौर व बीजेपी पार्षद राजी नहीं हुए। महापौर ने एसएसपी रुचि वर्धन को फ़ोन लगाकर चर्चा की पर उन्होंने भी जांच के बाद कार्रवाई की बात कही।
पुलिस के रुख को देखकर महापौर ने दोषी कांग्रेसियों पर एफआईआर दर्ज नहीं होने तक पार्षदों के साथ थाने में ही बैठे रहने का ऐलान कर दिया। इस बीच कांग्रेसी नेता एसएसपी कार्यालय पहुंच गए और निगम बैठक में हंगामें को लेकर सफाई पेश की। लंबी जद्दोजहद के बाद पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली पर निगम बैठक में हंगामें और हाथापाई के वीडियो फुटेज देखकर ही कार्रवाई की बात की।
अधिकारियों ने सुरक्षा प्रबंध नहीं किये।
निगम के बजट सम्मेलन में कांग्रेसियों के हंगामें से महापौर मालिनी गौड़ बेहद नाराज दिखाई दी। उनका कहना था कि कांग्रेसियों के प्रदर्शन को देखते हुए अधिकारियों से सुरक्षा व्यवस्था करने को कहा था पर उन्होंने ऊनकी बात पर ध्यान नहीं दिया। तमाम अधिकारी कांग्रेस के दबाव में काम कर रहे हैं।