इंदौर लोकसभा सीट का चुनाव निरस्त करने की मांग की।
प्रत्याशी की जानकारी के बगैर कथित प्रस्तावक द्वारा पेश आवेदन के आधार पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की सूची से हटाया नाम।
इंदौर : लोकसभा चुनाव में नाम वापसी को लेकर हुए ‘बम’ धमाके की गूंज के बीच एक और गड़बड़झाला सामने आया है। बात पुलिस थाने से लेकर हाई कोर्ट तक पहुंच गई है।
दरअसल, अक्षय कांति बम ने तो कांग्रेस प्रत्याशी के बतौर भरा अपना नामांकन आखरी दिन वापस लेकर सियासी हलचल मचा दी, लेकिन उसी दिन धर्मेंद्र सिंह झाला नामक एक निर्दलीय उम्मीदवार का फॉर्म भी वापस लिया गया था, हालांकि झाला का दावा है कि उन्होंने अपना नाम वापस लिया ही नहीं, किसी और ने उनके फर्जी साइन करके उनका नामांकन वापस लिया।जबकि निर्वाचन अधिकारी का दावा है कि संबंधित प्रत्याशी का प्रस्तावक उसके हस्ताक्षर युक्त नाम वापसी का आवेदन लेकर आया था। उसी के आधार पर उक्त प्रत्याशी का नाम चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की सूची से हटाया गया।
हाई कोर्ट में दायर की याचिका।
निर्दलीय प्रत्याशी धर्मेंद्र सिंह झाला ने इस कथित गड़बड़ी के खिलाफ पंढरीनाथ थाने में आवेदन देने के साथ अपने अभिभाषक कपिल शुक्ला के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि निर्वाचन अधिकारी ने मनमाने ढंग से उनका नामांकन,प्रस्तावक द्वारा वापस लेने की बात कहकर प्रत्याशियों की सूची से हटा दिया, जबकि उन्होंने नाम वापस लिया ही नहीं।जिसने भी उनके साथ ये धोखाधड़ी की, उसका सीसीटीवी फुटेज भी प्रशासन मुहैया नहीं करवा रहा है। अभिभाषक कपिल शुक्ला के अनुसार याचिका के जरिए इंदौर लोकसभा सीट का चुनाव निरस्त करने की मांग की गई है। याचिका पर जल्द सुनवाई होने की उम्मीद है।