जैविक अपशिष्ट से बायो सीएनजी बनाने वाले प्लांट का अवलोकन करने के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड ने दिखाई रुचि।
इंदौर : नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में स्वच्छता संबंधी प्रबंधन के कार्यों को देखा। इस दौरान उन्होंने जैविक अपशिष्ट से बायो सीएनजी बनाने वाले एशिया के सबसे बड़े और देश में अपनी तरह के पहले व अनूठे प्लांट का अवलोकन किया। इस प्लांट का लोकार्पण फरवरी 2022 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया था। यह प्लांट वेस्ट टू वेल्थ गोबर-धन योजना के तहत निर्मित है। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल “प्रचंड” का स्वागत किया।
नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड ने पावर पाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्लांट की जानकारी ली। उन्होंने अपने मंत्रिमण्डलीय सदस्यों और अधिकारियों के साथ जैविक अपशिष्ट से बायो सीएनजी बनाने की प्रक्रिया को देखा और जानकारी ली। उन्होंने सीएनजी के कमर्शियल लाभ के बारे में भी जानकारी ली। पीएम प्रचंड ने नेपाल में बायो सीएनजी प्लांट स्थापित करने में रुचि दिखाई। उन्होंने इस संबंध में नगर निगम इंदौर से सहयोग की अपेक्षा भी की। महापौर पुष्यमित्र भार्गव और नगर निगम की आयुक्त हर्षिका सिंह ने बायो सीएनजी प्लांट के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। बताया गया कि यह बायो सीएनजी प्लांट पीपी मॉडल पर आधारित है। इस प्लांट की स्थापना पर जहां नगर निगम इंदौर को कोई वित्तीय भार वहन नहीं करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी और प्लांट को स्थापित करने वाली एजेंसी प्रति वर्ष नगर निगम को एक निश्चित राशि प्रीमियम के रूप में दे रही है। इस प्लांट से जहां एक और बायो सीएनजी गैस का उत्पादन हो रहा। वहीं दूसरी और उच्च गुणवत्ता की आर्गेनिक कम्पोस्ट खाद्य भी मिल रही है। यह प्लांट जीरो इनर्ट पर आधारित है, जहां किसी प्रकार का अनुपचारित वेस्ट नहीं मिलता है। प्लांट से उत्पन्न होने वाली। गैस का उपयोग नगर निगम द्वारा संचालित लोक परिवहन की बसों में भी किया जा रहा है। इसके अलावा उपरोक्त प्लांट के संचालन से कार्बन क्रेडिट भी अर्जित किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री प्रचंड देवगुराड़िया स्थित सूखे कचरे के सेग्रिगेशन सेंटर भी पहुंचे। उन्होंने यहां सेग्रीगेशन की प्रक्रिया को देखा और समझा।