पांच दिन पूर्व दरिंदे छात्र द्वारा जलाई गई प्राचार्या विमुक्ता शर्मा हारी जिंदगी की जंग

  
Last Updated:  February 25, 2023 " 08:04 pm"

इंदौर: पांच दिन पूर्व एक दरिंदे छात्र द्वारा पेट्रोल डालकर जिंदा जलाई गई बीएम फार्मेसी कॉलेज की प्राचार्या विमुक्ता शर्मा अंततः जिंदगी की जंग हार गई। वे लगभग 90 फीसदी झुलस गई थी। निजी अस्पताल की बर्न यूनिट में उनका इलाज चल रहा था। जिंदगी और मौत के बीच झूलते हुए शनिवार सुबह करीब चार बजे उन्होंने दम तोड दिया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया। दोपहर में आनंद नगर स्थित निवास से स्व. विमुक्ता शर्मा की अंतिम यात्रा निकली।रीजनल पार्क मुक्ति धाम में परिजनों और परिचितों की मौजूदगी में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।

पहले भी दे चुका था जान से मारने की धमकी।

बता दें कि बीती 20 फरवरी को आशुतोष श्रीवास्तव नामक आरोपी छात्र ने कॉलेज कैंपस में ही प्राचार्या विमुक्ता शर्मा पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी। वह पहले भी कई बार प्राचार्या विमुक्ता शर्मा को जान से मारने की धमकी दे चुका था। कॉलेज के अन्य प्राध्यापकों को भी वह धमकाता रहता था। प्राचार्या विमुक्ता और अन्य प्राध्यापक उसके खिलाफ सिमरोल थाने में चार बार आवेदन दे चुके थे और उससे अपनी जान का खतरा बताया था पर सिमरोल पुलिस ने उसके खिलाफ कोई कारगर कार्रवाई नहीं की। इससे आरोपी छात्र बेखौफ हो गया और उसने इतना बड़ा कांड कर डाला।

मुख्यमंत्री सहित किसी नेता – अधिकारी को नहीं मिली पीड़ित परिवार का दर्द बांटने की फुरसत।

हैरत की बात ये है कि इंदौर जैसे शहर में इतना बड़ा कांड हो गया पर शासन – प्रशासन के कान पर जूं नहीं रेंगी। खुद को भांजियों का मामा कहते नहीं अघाते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह इंदौर आकर चले गए। चुनावी लाभ के लिए लाई गई लाडली बहना योजना का ढोल पीट गए पर दरिंदे छात्र द्वारा जलाई गई इस बहना के लिए, उनके परिवार के लिए संवेदना के दो बोल नहीं बोल गए। अखबारों में आए दिन खबरें छपवाकर सुर्खियां बटोरने वाले नेता और कथित समाजसेवियों ने एक बहना को जिंदा जलाने पर सरकार और प्रशासन से सवाल करना तक जरूरी नहीं समझा। महापौर पुष्यमित्र को छोड़ दें तो सता पक्ष हो या विपक्ष कोई भी पीड़ित परिवार को सांत्वना देने नहीं पहुंचा। इतने वहशियाना कांड की भर्त्सना नहीं की। यही नहीं तमाम धार्मिक, सामाजिक संगठन भी चुप्पी साधे रहे जैसे यह कोई सामान्य सी घटना हो। विकास की अंधी दौड़ में पता ही नहीं चला कि यह शहर संवेदनाओं को नीव में दफन कर सीमेंट कंक्रीट का जंगल बन गया है जहां मानवीय सरोकारों के लिए कोई जगह नहीं है।

आरोपी पर लगाई रासुका, फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगा मुकदमा।

देर से जागे प्रशासन ने दरिंदे आरोपी आशुतोष श्रीवास्तव पर रासुका की कार्रवाई की है। एसपी ग्रामीण, भगवंत सिंह विरदे का कहना है कि आरोपी के खिलाफ हत्या की धारा बढ़ाने के साथ उसके खिलाफ मजबूत साक्ष्य एकत्रित किए गए हैं। मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाकर आरोपी को कठोरतम सजा दिलवाएंगे।

विमुक्ता शर्मा के परिजनों ने भी मांग की है कि आरोपी को जल्द से जल्द फांसी की सजा हो ताकि फिर कभी कोई दरिंदा, किसी और के साथ ऐसा कांड करने का दुस्साहस न कर सकें।

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