पीडब्ल्यूडी के सहायक यंत्री की आय से अधिक संपत्ति राजसात करने का आदेश

  
Last Updated:  January 31, 2020 " 03:28 pm"

इंदौर: आय से अधिक संपत्ति के मामले में विशेष न्यायाधीश लोकायुक्त की अदालत ने पीडब्ल्यूडी के सहायक यंत्री की अनुपातहीन संपत्ति राजसात करने का आदेश दिया है।
जिला लोक अभियोजन अधिकारी मोहम्मद अकरम शेख ने बताया कि शीतल प्रसाद पिता गोकुल सिंह पटेल पीडब्ल्यूडी नीमच में बतौर सहायक यंत्री पदस्थ था। मूल रूप से जबलपुर के रहनेवाले शीतल प्रसाद ने मार्च 1983 में पीडब्ल्यूडी में उपयंत्री के रूप में सेवा प्रारम्भ की थी। अपने सेवाकाल के दौरान वह मंदसौर, नीमच, बालाघाट और पुनः मंदसौर पदस्थ रहा। अप्रेल 1991 में सहायक यंत्री के पद पर उसकी पदोन्नति हुई थी।
शीतल प्रसाद के खिलाफ लगातार मिल रही भ्रष्टाचार की शिकायतों के मद्देनजर लोकायुक्त पुलिस उज्जैन ने 15 दिसंबर 2011 को उसके घर व अन्य ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की थी। तलाशी में सहायक यंत्री शीतल प्रसाद और उसकी पत्नी के नाम बड़ी मात्रा में चल- अचल संपत्ति उजागर हुई थी। विस्तृत जांच के बाद आय से अधिक पाई गई चल- अचल संपत्ति को राजसात करने हेतु विशेष न्यायाधीश एवं प्राधिकृत अधिकारी क्रमांक 1, इंदौर के न्यायालय में लोकायुक्त की ओर से आवेदन 26 दिसंबर 2014 को पेश किया गया। मामले में शासन का पक्ष विशेष लोक अभियोजक महेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने पुरजोर तरीके से प्रमाणों सहित रखा। सुनवाई के बाद विशेष न्यायाधीश पीसी आर्य ने 30 जनवरी 2020 को सहायक यंत्री शीतल प्रसाद की कुल 66 लाख 62 हजार 550 रुपए की चल- अचल संपत्ति राजसात करने का आदेश पारित किया।
आपको बता दें कि विशेष लोक अभियोजक महेंद्र कुमार चतुर्वेदी अभी तक भ्रष्टाचार के 12 मामलों में अनुपातहीन संपत्ति राजसात करवा चुके हैं।

Facebook Comments

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *