भोपाल : निशांत खरे को लेकर विरोध के स्वर उठने के बाद लंबी कवायद, बैठकों के कई दौर और इंदौर के तमाम स्थानीय नेताओं के साथ वन टू वन चर्चा के बाद बीजेपी के प्रदेश नेतृत्व ने अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्यमित्र भार्गव का नाम इंदौर के महापौर पद के लिए तय कर दिया है। बताया जाता है की कुछ ही देर में उनके नाम की घोषणा कर दी जाएगी।
कैलाश विजयवर्गीय की भी रही सहमति।
पुष्यमित्र भार्गव के नाम पर कैलाश विजयवर्गीय की भी सहमति रही। श्री भार्गव, विजयवर्गीय के समर्थक बताए गए हैं।
दरअसल, इंदौर के महापौर पद के लिए सबसे मजबूत दावेदार विधायक रमेश मेंदोला को ही माना जा रहा था। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी पार्टी की प्रदेश चुनाव समिति में जोरदार ढंग से मेंदोला की पैरवी की थी और इंदौर को प्रयोगशाला नहीं बनाने का आग्रह किया था पर पार्टी द्वारा तय मापदंडों के चलते मेंदोला टिकट की दौड़ से बाहर हो गए। सीएम शिवराज और अन्य वरिष्ठ नेता डॉ. निशांत खरे को प्रत्याशी बनाना चाहते थे पर उनका बाहरी होना और जनता में परिचित चेहरा न होना उनके खिलाफ गया। बीजेपी के तमाम स्थानीय नेताओं ने डॉ. खरे के नाम पर असहमति जाहिर की थी। कैलाश विजयवर्गीय ने भी उनके नाम पर ऐतराज जताया था। ऐसे में प्रदेश नेतृत्व ने कई नामों पर विचार किया। मधु वर्मा, सुदर्शन गुप्ता, जीतू जिराती, गोविंद मालू सहित कई नाम इस दौरान प्रमुख दावेदार के रूप में सुर्खियां बनते रहे पर पार्टी की गाइडलाइन के चलते ये सभी नाम दौड़ से बाहर होते गए।
इंदौरी नेताओं से की वन टू वन चर्चा।
डॉ. खरे के नाम पर असहमति के स्वर बुलंद होने से बैकफुट पर आए बीजेपी के प्रदेश नेतृत्व ने तमाम इंदौरी नेताओं को भोपाल बुला लिया और उनसे एक – एक कर चर्चा करते हुए उनकी राय पूछी। दिनभर चले बैठकों के दौर के बाद पुष्यमित्र भार्गव के नाम पर सहमति बनी। कैलाश विजयवर्गीय ने भी उनके नाम पर मुहर लगा दी। अंततः पुष्यमित्र भार्गव को इंदौर के महापौर पद के लिए बीजेपी का प्रत्याशी तय कर दिया गया। भार्गव, विजयवर्गीय के ही समर्थक माने जाते हैं, इस नाते विजयवर्गीय की बात भी रह गई। बताया जाता है कि जल्द ही श्री भार्गव के नाम का ऐलान कर दिया जाएगा।