इंदौर : क्राइम ब्रांच इंदौर की कार्रवाई में Paytm वॉलेट कंपनियों का अधिकारी बनकर लोगों के साथ लाखों रुपए की ठगी करने वाले 02 शातिर आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं।
आरोपी पहले क्षेत्र की रैकी कर बिना कैमरे की paytm सेलर खाता धारक की दुकानों को टारगेट करते थे।
कार्यालय अपराध शाखा द्वारा संचालित साइबर हेल्पलाइन पर तीन आवेदकों ने शिकायत की थी जिसमें (1). फरियादी राजेंद्र सिंह निवासी इंदौर जो बेकरी का काम करते हैं, के नाम पर, बिना सहमति एवं जानकारी के paytm के मध्यम से ऑनलाइन 30 हजार रुपए का लोन लिया गया। उसकी राशि भी आवेदक को प्राप्त नहीं हुई। जब paytm कंपनी से लोन की किस्त के लिए कॉल आया तब आवेदक को पता चला कि उसके मोबाइल का दुरुपयोग कर किसी ने उनके साथ धोखाधडी की है।
आवेदक (2).विनोद जिसकी मानपुर में फुटवियर की शॉप है,के नाम पर बिना सहमति एवं जानकारी के paytm के मध्यम से ऑनलाइन 90 हजार रुपए का लोन लिया गया। अज्ञात व्यक्ति द्वारा धोखाधडी की गई।
आवेदक (3). विजय जिनकी ग्राम डाकाच्या में मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक की शॉप है के साथ भी पेटीएम अधिकारी बताकर paytm अपडेट एवं सुधार करने के नाम से आवेदक का मोबाइल लेकर 60 हजार रुपए ट्रांसफर कर उसके साथ धोखाधड़ी की गई।
क्राइम ब्रांच ने पकड़ा ठगी करने वाले आरोपियों को।
सायबर हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायत पर क्राइम ब्रांच इंदौर की फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन टीम द्वारा जांच की गई। जांच में पता चला कि आरोपी (1). शिवम शर्मा पिता राकेश निवासी आजाद नगर,इंदौर एवं (2). संतोष मुलवीय पिता प्रहलाद निवासी मालवीय नगर इंदौर, ने आवेदक राजेंद्र एवं विजय के paytm वॉलेट अकाउंट की kyc अपडेट करने का झूठ बोलकर आवेदकों के मोबाइल, आधारकार्ड, पैनकार्ड आदि डॉक्यूमेंट लेकर आवेदक के मोबाइल से paytm वॉलेट से ऑनलाइन पोस् टपेड Loan की राशि प्राप्त कर ठगी की है। आवेदक के साथ दोनों आरोपियों ने मोबाइल लेकर paytm अकाउंट की राशि को अपने परिजन मित्रों के बैंक खाते में ट्रांसफर करने के बाद आवेदकों के मोबाइल से बैंक मैसेज भी डिलीट कर दिए ताकि पैसे कटने की जानकारी आवेदक को पता न चले।
आवेदक फरियादी राजेंद्र द्वारा थाना आजाद नगर पर अपराध धारा 420, 467, 468, 471, 34 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कराया गया था।
क्राइम ब्रांच टीम ने आरोपियों को पकड़ा व पूछताछ की। उन्होंने बताया कि वह पहले शहर के बाहरी क्षेत्र या सुनसान इलाको में जहा दुकानों में कैमरे और भीड़ न हो, वहां रैकी कर दुकानों के बाहर क्यूआर कोड paytm कंपनी के देखकर उन्हीं दुकानों में जाते थे और दुकान मालिक को paytm से संबंधित कोई परेशानी या स्कीम है या kyc update करने के बहाने उनका मोबाइल प्राप्त कर वॉलेट में अगर पैसे होते थे तो उन्हें अपने परिजनों के अकाउंट में ट्रांसफर कर ठगी करते थे।
व्यक्ति के paytm में पैसे नही होते थे तो kyc upadte के नाम पर आवेदक का आधार कार्ड, पैनकार्ड आदि डॉक्यूमेंट लेकर paytm से ऑनलाइन पोस्टपेड लोन की राशि प्राप्त कर उक्त राशि को उसी समय अपने परिजनों के बैंक खाते में ट्रांसफर कर, आवेदक के मोबाइल के मैसेज भी डिलीट कर देते थे ताकि आवेदक के अकाउंट से आहरित राशि पता न चले और ठगी करके वहा से चले जाते थे।
दोनो आरोपियों ने अभी तक जिला इंदौर के मानपुर, शिप्रा, हातोद सहित धार, पीथमपुर झाबुआ, राजगढ़ आदि जगहों पर paytm अधिकारी बनकर कई लोगो के साथ लाखों रुपए की धोखाधडी की वारदात करना स्वीकार किया।
आरोपियों के विरुद्ध अग्रिम वैधानिक कार्रवाई थाना आजाद नगर द्वारा की जा रही है। पूछताछ में अन्य बड़े खुलासे होने की भी उम्मीद है।