प्रेस्टीज प्रबंध संस्थान के सांस्कृतिक उत्सव ‘मंथन’ का रंगारंग आगाज

  
Last Updated:  April 5, 2024 " 07:06 pm"

पाठ्यपुस्तकों से परे शिक्षा संपूर्ण
व्यक्तित्व का पोषण करती है : डॉ. डेविश जैन ।

गीत, संगीत, मनमोहक नृत्यों के प्रदर्शन से हुई `मंथन’ की भव्य शुरुआत।

इंदौर : प्रेस्टीज प्रबंध संस्थान इंदौर के सांस्कृतिक उत्सव `मंथन 2024′  की भव्य शुरुआत संस्थान के छात्र, छात्राओं द्वारा मनमोहक नृत्य, गीत, संगीत एवं मैनेजमेंट प्रतियोगिताओं के साथ हुई।  “आलाप” गायन प्रतियोगिता के बाद “रीलफ्लिक्स” का आयोजन किया गया जिसमें छात्रों ने प्रोजेक्ट्स के माध्यम से आईअपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन किया। पहले दिन के उत्सव का समापन एक प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम और बिक्री प्रतियोगिता “सेलथॉन” के साथ हुआ जिसके तहत छात्रों ने अपने उत्कृष्ट बिक्री कौशल का प्रदर्शन किया। 

मंथन के उद्घाटन सत्र में सामाजिक कार्यकर्ता, मोटिवेशनल स्पीकर दीपेश टैंक, होलिस्टिक चिकित्सक डॉ. सुधीर खेतावत अतिथि के बतौर मौजूद रहे। प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन के चेयरमेन डॉ.डेविश जैन , पीआईएमआर के सीनियर डायरेक्टर डॉ देबाशीष मल्लिक, डायरेक्टर कर्नल एस रमन अय्यर तथा प्रेस्टीज एआईसी के सीईओ, डॉ. संजीव पाटनी ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

छात्र विचार करें वे किस तरह की दुनिया बनाना चाहते हैं: दीपेश टैंक।

अपने संबोधन में, दीपेश टैंक ने सकारात्मक विरासत छोड़ने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे किस तरह की दुनिया बनाना चाहते हैं और उसमें योगदान देना चाहते हैं, इसपर चिंतन करें। उन्होंने महिला सुरक्षा और पर्यावरणीय स्थिरता के महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी प्रकाश डाला।

मंथन तनाव मुक्ति और समग्र कल्याण का मंच: सुधीर खेतावत।

डॉ.सुधीर खेतावत ने मंथन जैसे आयोजनों के तनाव कम करने वाले पहलू पर जोर दिया। उन्होंने तनाव और दर्द को प्रबंधित करने में सकारात्मक सोच और समग्र उपचार की शक्ति के बारे में बताया।

पाठ्यपुस्तकों से परे शिक्षा:
संपूर्ण व्यक्तित्व का पोषण: डेविश जैन।

प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन के चेयरमैन तथा प्रेस्टीज यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. डेविश जैन ने अपने उद्बोधन में मंथन जैसी सांस्कृतिक गतिविधियों के महत्व पर बल देते हुए कहा कि शिक्षा पाठ्यपुस्तकों और परीक्षाओं तक सीमित नहीं है। यह छात्रों की रचनात्मकता, टीम वर्क, संचार और समग्र। कल्याण – मन, शरीर और आत्मा को विकसित करने के बारे में है।

बता दें कि प्रेस्टीज प्रबंध संस्थान का सांस्कृतिक उत्सव मंथन एक अलग पहचान बनाने में सफल रहा है जहां छात्र – छात्राओं को अपनी बहुविध प्रतिभा के प्रदर्शन का मौका मिलता है।

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